नगांव, धुबड़ी के लोस परिणाम जातीय जीवन के लिए अशुभ संकेत: मुख्यमंत्री

ग्वालपाड़ा (असम), 06 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि रकीबुल हुसैन की 10 लाख मतों के अंतर से जीत असम के जातीय जीवन के लिए एक अशुभ संकेत है।

मुख्यमंत्री आज ग्वालपाड़ा में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने रकीबुल हुसैन की जीत को लेकर कहा कि धुबड़ी में अजमल भी 10 लाख मतों के अंतर से नहीं जीत सके। रकीबुल हुसैन ने इस बार धुबड़ी में 10 लाख वोटों से जीत दर्ज की। यह हमारे जातीय जीवन के सामने एक संकट को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि निचले असम और मध्य असम में जनसांख्यिकीय परिवर्तन कितना भयानक रूप ले चुका है, यह स्पष्ट हो गया है। चुनाव में कोई जीतेगा, कोई हारेगा। लेकिन क्या हम निचले असम, मध्य असम और उत्तर असम में बचेंगे या नहीं? मुख्यमंत्री को इस चुनाव के नतीजों में सांप्रदायिकता की बू आ रही है।

उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय एक तरफ वोट देता है तो कहा जाता है कि हिंदुओं ने सांप्रदायिकता की है। लेकिन, रकीबुल हुसैन ने 10 लाख वोटों से बढ़त बना ली है, वहां एक भी हिंदू ने वोट नहीं डाला।

उन्होंने नगांव और गुवाहाटी लोकसभा क्षेत्रों में मतों के विभाजन का भी विश्लेषण किया और कहा कि भाजपा ने नगांव लोकसभा क्षेत्र के सभी हिंदू निर्वाचन क्षेत्रों में बढ़त बना ली है। लेकिन, लाहरीघाट, धिंग, रूपही और सामागुरी- इन चार निर्वाचन क्षेत्रों में, कांग्रेस पार्टी ने ढाई लाख वोटों से जीत हासिल की।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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