घट-घट के वासी राम' -राम से प्रभु श्रीराम तक की ज्ञान यात्रा- राम कथा का आयोजन

जयपुर, 9 जून (हि.स.)। श्री धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में जे.एल.एन. मार्ग स्थित विद्याश्रम स्कूल के महाराणा प्रताप सभागार में रविवार को ’घट-घट के वासी राम’ -राम से प्रभु श्रीराम तक की ज्ञान यात्रा- राम कथा का आयोजन हुआ। श्री धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर जैन गोधा और आयोजन समिति के मुख्य समन्वयक गब्बर कटारा ने बताया कि इस आयोजन में कथाकार पंकज ओझा ने भगवान राम के पृथ्वी पर विस्तार, अनेक देशों में राम कथाओं और रामचरित्र के प्रचलन और भगवान राम के साधारण मनुष्य से लोकनायक और जन-जन के आराध्य प्रभु श्री राम बनने तक की यात्रा के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला।

इस ज्ञान यात्रा में कथाकार ने भगवान श्रीराम के जीवन की विभिन्न लीलाओं पर प्रकाश डाला। कथाकार ने केवट ने क्यों भगवान राम के चरण पखारे, सीता के जन्म के पीछे का रहस्य, हनुमानजी और बाली का युद्ध, गिद्धराज जटायु और भीष्म पितामह का प्रसंग, 1 हजार अमर राक्षसों का वध हनुमानजी ने कैसे किया, राम की शक्ति पूजा, अंगद के पैर नहीं हिलने का कारण, मेघनाद के नागपास का रहस्य, माता सीता के वन गमन, भगवान राम के द्वारा राम सेतु को तोड़ देने का कारण आदि प्रसंगों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।

विश्वामित्रजी द्वारा भगवान राम को लेकर जाने, अहिल्या उद्धार के पीछे के रहस्य, ताड़का वध, कैकई के वरदान मांगने, रावण के द्वारा धनुष नहीं उठा पाना और भगवान राम द्वारा फूल की तरह धनुष उठा लेने के पीछे छिपे रहस्य, स्वयंवर के समय राजा जनक द्वारा दशरथ को न्यौता नहीं भेजने का कारण, कैकई के वरदान मांगने के पीछे के कारण, उर्मिला का वनवास में नहीं जाना आदि प्रसंगों को भी रोचक तरीके से श्रोताओं को बताया। आज का दुख कल का सौभाग्य कैसे बनता है इस संबंध में राजा दशरथ और श्रवण कुमार की कथा सुन श्रोता भाव-विभोर हो गए।

संगीतमय कथा के दौरान भजनों और मानस की चौपाइयों की मधुर स्वर लहरियों ने छोटी काशी के राम भक्तों को श्रद्धा से सराबोर कर दिया।

कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न शहरों से अनेक संत, महंत, उद्यमी, व्यापारी, नेतागण, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी, शिक्षक, प्रोफ़ेसर, पंडित, ज्योतिषि और विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति उपस्थित हुए। सभी लोगों ने कार्यक्रम की प्रशंसा की। आत्म गौरव, मनोबल, संस्कार, गुण, शील, विनय और मर्यादा, से परिपूर्ण कार्यक्रम के प्रारंभ होने से पहले ही सभागार खचाखच भर गया। स्थिति ये हो गई कि सभागार में पैर रखने की जगह भी नहीं रही जिससे विलंब से आने वाले कई श्रद्धालुओं को बैठने या खड़े होने का स्थान नहीं मिला जिससे उन्हें वापस जाना पड़ा।

कार्यक्रम में घट-घट के वासी राम आयोजन समिति के साथ श्री धर्म फाउंडेशन ट्रस्ट, अनासक्त चैतन्य ट्रस्ट, जे.डी. माहेश्वरी का भी सराहनीय योगदान रहा।

कार्यक्रम में संगीत छवि जोशी का रहा वहीं संगीत संयोजन और पखावज वादन मनभावन डांगी ने किया। वायलिन पर रमेश मेवाल, गायन और हारमोनियम दिनेश खींची, तबले पर हरीश गौतम, परकशन दीपेश, की-बोर्ड और कोरस तथा सिंगर के रूप में माधवी, राघवी और प्रियंका ने साथ दे कार्यक्रम में चार चांद लगाए। कार्यक्रम में श्रोताओं को 15 बड़े आर्टिस्ट्स की केनवास पर बनाई भगवान राम की पेंटिंग्स पर राम नाम लिखने के बाद ही प्रवेश दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

   

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