जी-7 नेताओं ने शिखर सम्मेलन में मानव तस्करी रोकने पर दिया जोर

- जरूरतमंद देशों में पूंजी निवेश, यूक्रेन को वित्तीय सहायता, गाजा युद्ध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सुरक्षा पर हुई चर्चा

बारी, 15 जून (हि.स.)। जी-7 देशों के नेताओं ने शुक्रवार को शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत में प्रवासन पर ध्यान केंद्रित किया और मानव तस्करी से निपटने तथा उन देशों में निवेश बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की, जहां से प्रवासी अक्सर जान खतरे में डालकर यात्रा शुरू करते हैं।

इटली के दक्षिणी क्षेत्र पुगलिया में एक लक्जरी रिसॉर्ट में आयोजित इस सम्मेलन में अन्य प्रमुख विषयों पर भी चर्चा हो रही है, जिनमें यूक्रेन को वित्तीय सहायता, गाजा युद्ध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जलवायु परिवर्तन, चीन की औद्योगिक नीति और आर्थिक सुरक्षा शामिल है। हालांकि शिखर सम्मेलन के अंतिम घोषणापत्र को लेकर भी कुछ मतभेद उभरे, जिसमें गर्भपात के संदर्भ को शामिल करने पर असहमति की खबर भी आई। शिखर सम्मेलन के मेजबान इटली के लिए प्रवासन विशेष रूप से चिंता का विषय है, जो अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया में युद्ध और गरीबी से जूझ रहे लोगों के लिए यूरोपीय संघ में प्रवेश के प्रमुख मार्गों में से एक है।

इस मुद्दे पर अपने सख्त रुख के लिए जानी जाने वालीं दक्षिणपंथी इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूरोप पर प्रवासियों के बोझ को कम करने के तरीके के रूप में अफ्रीकी देशों में निवेश और वित्त पोषण बढ़ाने को लेकर उत्सुक रही हैं।

मेलोनी ने गुरुवार को शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कहा था, ‘इटली एक अन्य महाद्वीप को पर्याप्त स्थान देना चाहता है जोकि हम सभी के भविष्य का आधार है, वह है अफ्रीका, अपनी कठिनाइयों और अवसरों के साथ।’

यूएनएचसीआर के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अब तक 22,000 से ज़्यादा लोग समुद्र के रास्ते इटली पहुंच चुके हैं। 2023 में, 157,000 से ज़्यादा लोग आए थे और लगभग 2,000 लोग भूमध्य सागर को खतरनाक तरीके से पार करने की कोशिश करते हुए मारे गए या लापता हो गए।

अमेरिका भी अपनी दक्षिणी सीमा पर प्रवासियों की बढ़ती संख्या से जूझ रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कांग्रेस में एक विधेयक पारित कराने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें सफल नहीं हो सके जिसके बाद उन्होंने प्रवासन पर अंकुश लगाने के लिए नई नीतियां पेश कीं। हालांकि, प्रवासी अधिकार अधिवक्ताओं ने नई नीतियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को मुकदमा दायर किया, और यह स्पष्ट नहीं है कि वे अमेरिकी अदालतों में कानूनी चुनौतियों का सामना कर पाएंगे या नहीं।

शिखर सम्मेलन में पहुंचने के बाद यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा कि प्रवासन से निपटना ‘एक आम चुनौती है।’

इटली ने मेलोनी की प्रवासन व विकास पहल पर जोर देने के लिए कई अफ्रीकी नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जिनमें अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्दुल मजीद तबून, केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो और ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सैयद शामिल हैं।

जी-7 नेताओं के बीच कुछ मतभेद दिखाई दिए। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने शिखर सम्मेलन के अंतिम घोषणापत्र के मसौदे में गर्भपात का उल्लेख न होने पर खेद व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ अजीत तिवारी/प्रभात

   

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