फतेहाबाद: क्षत्रिय महासभा ने किया महाराजा रज्जू राव भदौरिया को जयंती पर किया नमन

फतेहाबाद, 16 जून (हि.स.)। फतेहाबाद। भदौरिया वंश के कुलदीपक महाराजा रज्जू राव भदौरिया की जयंती रविवार को क्षत्रिय राजपूत महासभा फतेहाबाद द्वारा एमसी कालोनी स्थित महासभा कार्यालय में धूमधाम से मनाई गई।

महासभा के सदस्यों ने महाराजा रज्जू राव भदौरिया के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षत्रिय राजपूत महासभा के प्रधान जितेन्द्र भदौरिया व सचिव प्रवीन चंदेल ने संयुक्त रूप से की। कार्यक्रम में रणबीर भाटी, जगदीश छोंक्कर, अजय भदौरिया, रॉयल भदौरिया, अनिल शर्मा सहित महासभा के अनेक पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जितेन्द्र भदौरिया ने महाराजा रज्जू राव भदौरिया के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भदावर वंश के किले पर आक्रमण प्रथम सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया। 3 दिन तक घनघोर युद्ध हुआ। राजा शल्यदेव भदौरिया वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी दो रानियों ने जौहर दिखाया। एक रानी जो 8 माह के गर्भ से थी, वंश रक्षार्थ जीवित रही। जितेन्द्र भदौरिया ने बताया कि आचार्य घनश्याम दास एवं भूपत मिर्धाजाट ने किले की सुरंग के रास्ते से उन्हें उनके मायके फतेहपुर सिकरी उनके पिता दलकूशाह सिकरवार के पास ले गए।

एक माह उपरांत रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम रज्जू राव भदौरिया रखा गया। इनका लालन-पालन ननिहाल फतेहपुर सिकरी में हुआ। अपने युद्ध कौशल्य से अपनी सैन्य शक्ति एकत्रित की और महाराजा रज्जू राव भदौरिया ने 1246 में हथिकाथ पर धावा बोल दिया। हतिया मेवों के धड़ से सिर अलग कर भदौरिया किला अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद उन्हें भदावर रियासत का राजा घोषित किया गया। इस अवसर पर महासभा के सदस्यों ने उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन

   

सम्बंधित खबर