अयोध्या में श्रीरामलला के मंदिर के उपरांत अब 'हिन्दू राष्ट्र' के लिए संगठित प्रयास आवश्यक : निलेश सिंगबाळ

-24 से 30 जून तक गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में हिन्दू संगठन विमर्श करेंगे

वाराणसी, 19 जून (हि.स.)। हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक निलेश सिंगबाळ ने कहा कि 500 वर्षों के संघर्ष के उपरांत अयोध्या में निर्माण हुआ प्रभु श्रीराम का मंदिर हिन्दू राष्ट्र की दिशा में पहला कदम है, ऐसा हम मानते हैं। लकिन लोकसभा चुनावों के उपरांत भी देश की परिस्थिति को देखते हुए हिन्दुओं की समस्या सुलझाने के लिए हिन्दुओं का इकोसिस्टम निर्माण कर नियोजनबद्ध पद्धति से कार्य करने की आवश्यकता है। धर्मप्रचारक निलेश सिंगबाळ यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि चुनाव के सार्वजनिक रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि भारत की स्वतंत्रता के उपरांत 1950 से 2015, इन 65 वर्षों के काल में हिन्दुओं की लोकसंख्या लगभग 8 प्रतिशत से कम हो गई है, जबकि उसकी तुलना में इसी अवधि में मुसलमानों की लोकसंख्या में लगभग 43.15 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इस वृद्धि को अप्राकृतिक कहना होगा। कारण भारत में अवैध बांगलादेशियों के साथ ही रोहिंग्या घुसपैठियों की संख्या बढती ही जा रही है। उन्हें पासपोर्ट, आधारकार्ड, पैनकार्ड जैसे भारतीय नागरिकत्व के पहचानपत्र बनाकर देनेवालों पर देशद्रोह का अपराध प्रविष्ट करना चाहिए। इस वर्ष तो चुनावों में भी बांगलादेशी घुसपैठियों द्वारा मतदान किए जाने की घटना उजागर हुई है। मुंबई में ऐसे कुछ घुसपैठियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन अवैध घुसपैठियों का फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदान करना, भारत के लोकतंत्र के लिए संकट निर्माण करनेवाला है।

उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा का विचार करने पर, माता वैष्णोदेवी जानेवाले भक्तों की बस पर आतंकवादी आक्रमण से यह स्पष्ट होता है कि कश्मीर में आतंकवाद अब धीरे-धीरे हिन्दूबहुल जम्मू की दिशा में अग्रसर है। पंजाब में खलिस्तानवादी आंदोलन सहित राष्ट्रविरोधी एवं विदेशी शक्तियां भारत को अस्थिर करने के लिए जोर-शोर से सक्रिय हो गई हैं। भारत सहित विश्वभर के हिन्दुओं पर हमले बढ गए हैं। ऐसे समय पर हिन्दुओं को जाति-पाति के झगडे में उलझाकर उनमें फूट डालने का षड्यंत्र रचा जा रहा है । वैश्विक स्तर पर विविध देशों में बढते जानेवाले युद्ध और अस्थिरता को देखते हुए यही ध्यान में आता है कि हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है, जिसके विश्वबंधुत्व की तथा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की संकल्पना पूरे समाज को जोड़ सकती है और उसे एकजुट रख सकती है। इसलिए हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य को गति देने के लिए प्रतिवर्ष समान इस बार भी बारहवें ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’का आयोजन किया गया है। यह महोत्सव इस बार 24 से 30 जून 2024 तक ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में आयोजित है। वार्ता में हिन्दू ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘प्राच्यम’ के संस्थापक प्रवीण चतुर्वेदी , वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजित सिंह बग्गा ने बताया कि इस बार के अधिवेशन में हिन्दू राष्ट्र से संबंधित विविध विषयों पर विशेषज्ञों के परिसंवाद के साथ ही प्रत्यक्ष समान कृति कार्यक्रम निश्चित करने के लिए गुटचर्चा रहेगी। ‘सनातन धर्म की वैचारिक सुरक्षा’, ‘धर्म एवं राष्ट्रविरोधी नैरेटिव को प्रत्युत्तर’, ‘हिन्दू समाज की रक्षा के उपाय’, ‘हिन्दू राष्ट्र के लिए संवैधानिक प्रयत्न’, ‘मंदिर संस्कृति की रक्षा के उपाय’, ‘वैश्विक स्तर पर हिन्दुत्व की रक्षा’, ‘देश की अर्थव्यवस्था को चुनौती देनेवाली हलाल अर्थव्यवस्था पर उपाय’, ‘लैंड जिहाद’, ‘काशी-मथुरा मुक्ति’, ‘गढ-किलों पर अतिक्रमण’ जैसे विविध विषयों के साथ ही हिन्दू राष्ट्र की नींव के लिए आवश्यक विविध विषयों पर, इस महोत्सव में विचार मंथन होगा ।

अजित सिंह बग्गा ने बताया कि इस अधिवेशन के लिए अमेरिका, इंग्लैंड, नेपाल, घाना और बांग्लादेश के देशों से प्रतिनिधि आनेवाले हैं। इन देशों सहित भारत के 26 राज्यों से 1000 से भी अधिक हिन्दू संगठनों के 2000 से भी अधिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है ।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप

   

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