कोरबा : जय अम्बे रोड लाइन में एचपीसी का पालन नहीं, ठगे जा रहे कर्मचारी

After Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this companyAfter Rungta, HPC is not being followed in this company

कोरबा, 20 जून (हि. स.)। छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन के गृह जिले में एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में ठेका मजदूरों के साथ हो रहे शोषण पर केवल आश्वासन देकर अपना काम निकाला जा रहा है। स्थानीय श्रमिक/ भूविस्थापित नेता भी ऐसे कंपनियों को लेकर कोई विरोध दर्ज नहीं करा पा रहे हैं, जिसके कारण ठेका कंपनी अपनी मनमानी करती आ रही है और स्थानीय बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।

पिछले दिनों ठेका कंपनी रुंगटा को लेकर विवाद सामने आया था। शिकायत हुई थी कि यहां कार्यरत चालकों को एचपीसी दर पर भुगतान नहीं हो रहा है। कुशल, अर्ध कुशल, अकुशल कर्मचारियों के हिसाब से मिलने वाले भुगतान से वंचित रखा जा रहा है और जो दर एचपीसी में निर्धारित है, उसके अनुसार मजदूरी नहीं मिल रही है। इस मामले का पटाक्षेप दी जा रही मजदूरी की रकम को बढ़ाकर कराया गया, लेकिन आज भी इन कर्मचारियों को एचपीसी दर पर भुगतान नहीं हो रहा है। इन कर्मचारियों को ठेका कंपनी यह कहकर शांत कर देती है कि वह कुशल कर्मचारी नहीं हैं, उनमें कोई ना कोई कमी है और वह मापदंडों का पालन नहीं करते व मेडिकली फिट नहीं हैं फिर भी काम पर रखा गया है।

कंपनियां, बेरोजगारी का फायदा उठाकर कम वेतन में कर्मचारी रखकर लाभ कमाने की मंशा से कहीं ना कहीं अन्ट्रेंड हाथों में वाहनों की स्टेयरिंग थमा रहे हैं। बेरोजगारी की मार झेल रहे लोग कुछ रोजगार और कुछ पैसा मिल जाने के कारण खामोश हैं और अपना काम कर रहे हैं लेकिन इसकी आड़ में ठेका कंपनी 50 से 75 प्रतिशत मजदूरी देकर शेष रकम को डकार रही है।

जय अम्बे रोड लाइंस के खिलाफ रोष

रुंगटा कंपनी के बाद अब कोल डिस्पेच का काम कर रही जय अम्बे रोड लाइन पर मजदूरों ने शोषण का आरोप लगाया है कि कंपनी द्वारा एचपीसी दर पर भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा महीने भर काम करने के बाद भी उन्हें पेमेंट समय पर नहीं दिया जा रहा है। ठेका कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें सेफ्टी के लिए ना जूते दिए गए हैं और ना ही टोपी। यहां तक की उनका बी-फॉर्म भी नहीं भरा गया है। बावजूद इसके उनसे काम लेकर उनके साथ शोषण किया जा रहा है। जय अम्बे कंपनी के कर्मचारी गुरुवार को कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किए। कुछ देर पश्चात एरिया महाप्रबंधक राजीव सिंह ने ठेका मजदूरों की बात सुनी और मौके पर जय अम्बे कंपनी के अधिकारियों को बुलाकर समस्याओं को दूर करने की बात कही।

अक्सर मुंह मोड़ लेता है प्रबंधन, नेतृत्व और नेता दोनों गायब

एसईसीएल की खदानों में काम कर रही निजी ठेका कंपनियां मूल रूप से एसईसीएल के अधीन ही होकर काम करती हैं और नियम कायदों का पालन कराने के लिए मूल नियोक्ता की जवाबदेही तय रहती है, लेकिन देखा जा रहा है कि अनेक मामलों में प्रबंधन और उसके अधिकारी ठेका कर्मचारियों के मामले में मुंह मोड़ लेते हैं। ज्ञात हुआ है कि अभी नीलकंठ कंपनी का काम बंद है, ऐसे में कंपनी के द्वारा अपने अधीन नियोजित किए गए कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। लगभग एक माह से मजदूर खाली बैठे हैं और नीलकंठ कंपनी के लोग कह रहे हैं कि उन्हें आधा वेतन दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी

   

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