चंद्रोदय मंदिर में श्रीकृष्ण प्राकट्योत्सव को लेकर बैठक, संतों ने रखे अपने विचार

हर घर के उत्सव के रूप में हो श्रीकृष्ण 5251वां प्राकट्योत्सवः गोविन्दानंद तीर्थ

मथुरा, 20 जून(हि.स.)। योगिराज भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें प्राकट्योत्सव को भव्य एवं दिव्य रूप में सम्पूर्ण विश्व में प्रचार प्रसार के साथ मनाने के लिए गुरुवार संत समाज की गोष्ठी का आयोजन श्याम सुन्दर दास के शंख उद्घोष के साथ वृन्दावन स्थित चंद्रोदय मंदिर प्रांगण में किया गया।

गोष्ठी में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को वर्ष पर्यंत मनाने के लिए विभिन्न विचारों का आदान प्रदान संतों के मध्य हुआ। सभी संतों ने पूर्ण उत्साह एवं तथ्यों के साथ व्यापक स्तर पर अनेकानेक कार्यक्रमों के सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री गोविन्दानंद तीर्थ ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां महोत्सव संत समाज के मध्य एक विशेष उत्साह का अवसर लेकर आया है। यह उत्सव मेरे घर का उत्सव है। इस विचार को जन मानस के अंतःकरण तक पहुंचाने का संकल्प लिया जाए। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के सभी कलाओं का प्रचार प्रसार सम्पूर्ण विश्व में करने का अवसर प्रदान करता है।

इस दौरान चतुर्थ सम्प्रदाय प्रमुख श्री फूलडोल बिहारी दास महाराज ने आश्वस्त किया कि धर्म संसद के माध्यम से, सनातन के लिए कार्य करने वाले समाजिक संगठनों के माध्यम से एवं विभिन्न सम्प्रदायों को साथ लेकर इस जन्माष्टमी को भव्यता के साथ मनाने का आवाहन किया जाएगा।

श्री बलराम बाबा ने कहा कि वर्तमान में सभी धर्म के लोग भगवान श्रीकृष्ण को उनकी लीलाओं के माध्यम से जान रहे हैं और हमें सम्पूर्ण विश्व में कृष्ण भावनामृत का विकास करना है।

श्री राधा रमण मंदिर के सेवायत श्रीवत्स गोस्वामी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हम अलौकिक 5251कृष्णाब्द में हैं। अतः इस जन्माष्टमी को 5000 गुणित उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस संदर्भ में सभी संतों, महंतों, भक्तों ने सभी विषयों पर सहमति जताते हुए पुनः शीघ्र बैठक के लिए प्रस्ताव पारित किया।

गोकुल के पंकज बाबा ने कहा कि कार्यक्रम का प्रचार प्रसार सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में श्रीलाडली शरण, अच्युत लाल भट्ट, महेशानंद सरस्वती, गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, आचार्य बद्रीश, सच्चिदानंद शास्त्री, सुन्दर दास, दशरथ दास, कृष्णानंद, मोहिनी बिहारी शरण, बिहारी दास, वेणु गोपाल दास, पंकज बाबा, मारुतिनंदन, नवल गिरी, मकरंद चतुर्वेदी, गोस्वामी शैलेन्द्र नाथ, चन्द्र दास, सत्यमित्रा नंद, स्वामी यज्ञ देव, श्रीयति महाराज, सुशील गोस्वामी ने अपने सुझाव दिए। धन्यवाद ज्ञापन गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी द्वारा किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/सियाराम

   

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