आत्म प्रतिबिंब और आत्म खोज के क्षणों से भरे योग दिवस का उठाया आनंद

आत्म प्रतिबिंब और आत्म खोज के क्षणों से भरे योग दिवस का उठाया आनंदआत्म प्रतिबिंब और आत्म खोज के क्षणों से भरे योग दिवस का उठाया आनंद

- पुरातन सभ्यता एवं संस्कृति का अंग है योग, स्वास्थ्य हित के लिए जरूरी

- विंध्य पर्वत से लेकर गंगा तट व हर घर-आंगन तक योगाभ्यास

मीरजापुर, 21 जून (हि.स.)। जिसने योग अपनाया, रोग को हमेशा के लिए दूर भगाया... नहीं होती है उनको कोई बीमारी, जो योग करने की करते हैं समझदारी...। योग स्वयं की, स्वयं के माध्यम से, स्वयं तक की यात्रा है। इस परिवर्तनकारी अभ्यास में गोता लगाकर और वास्तविक क्षमता को अनलॉक करके विंध्य पर्वत से लेकर गंगा तट व हर घर-आंगन तक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

योग शरीर और सांस के बीच का नृत्य है। शक्ति और लचीलेपन के बीच संतुलन है। विंध्यवासियों ने आत्म प्रतिबिंब, आत्म देखभाल और आत्म खोज के क्षणों से भरे योग दिवस का आनंद उठाया।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विध्य क्षेत्र में योग की गंगा बही। गांव से लेकर शहर तक शिविरों का आयोजन किया गया। योग गुरु योग के माध्यम से रोग भगाने के टिप्स दिए। सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता के अलावा बड़ी संख्या में लोग योग करते नजर आए। आमजन के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी योगाभ्यास कर दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को खास बनाया और जनता को योग के फायदे बताया। जवानों ने भी तन-मन को स्वस्थ रखने में अत्यंत कारगर योग को पूरी तल्लीनता के साथ किया। वक्ताओं ने कहा कि तन-मन स्वस्थ रखने का एकमात्र साधन योग है। योग भारत की पुरातन सभ्यता एवं संस्कृति का एक अंग है।

भारतवंशियों की संस्कृति से जुड़ा हुआ है योग

दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शुक्रवार को महुवरिया स्थित राजकीय इंटर कालेज के मैदान पर मुख्य आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि भारत में प्राचीनकाल से ही योग किया जा रहा है। योग भारतवंशियों की संस्कृति से जुड़ा हुआ है। शरीर को स्वस्थ रखने में योग काफी असरदार होता है। रोजाना योगाभ्यास से शरीर फिट रहता है। विश्व में योग को पहचान दिलाने में भारत का अहम योगदान है। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। योग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्व भर में योग दिवस मनाया जा रहा है।

मुख्य अतिथि के साथ ही सदर विधायक रत्नाकर मिश्र, छानबे विधायक रिकी कोल, नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर केसरी व जिले के अन्य जनप्रतिनिधि के साथ समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डा. हरिओम, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार के साथ सभी जनपदीय अधिकारियों समेत जनपद के लगभग हजारों लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास कर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को खास बनाया।

योग से विश्व के लाखों लोगों को मिला नया जीवन

योग गुरुओं ने लोगों को भस्त्रिका, कपालभांति, अनुलोम विलोम, संग सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराते हुए कहा कि पूर्ण सुखी व निरोगी जीवन जीने के लिए नियमित योगाभ्यास व प्राणायाम जरूरी है। योग से ही व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक विकास संभव है। स्वामी रामदेव ने योग को इतना सरल व सुगम बना दिया है कि आज हम कहीं भी खुली हवा में बैठकर योग की साधना कर सकते हैं क्योंकि योग प्राणायाम के माध्यम से आज पूरे विश्व में लाखों-लाखों लोगों को नया जीवन मिला है। योग से व्यक्ति के जीवन में प्रेम, एकत्व, कृतज्ञता कर्तव्यपरायणता, स्वधर्मनिष्ठा, मयार्दा, विनयशीलता का विकास होता है।

जीरो बैलेंस के लोगों का निदान है योग

जीरो बैलेंस के सभी लोगों का निदान है योग। योग ही एकमात्र ऐसा साधन है जिससे एड्स, शुगर, ब्लड प्रेशर, सर्वाइकल, अर्थराइटिस, हार्निया, माइग्रेन, स्पोण्डलाइटिस, बवासीर जैसे बड़े से बड़े रोगों को योग प्राणायाम के माध्यम से आसानी से ठीक किया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित

   

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