वाराणसी में बन रहे देश के पहले रोप-वे ट्रांसपोर्ट का ट्रायल रन जुलाई माह में

रोप-वे

- एक घंटे में 6000 लोग करेंगे सफर, सिटी का एरियल व्यू भी देख सकेंगे

वाराणसी, 29 जून (हि.स.)। वाराणसी में बन रहे देश के पहले अर्बन रोप-वे ट्रांसपोर्ट के ट्रायल रन की तैयारी चल रही है। पहले चरण का 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। जुलाई माह में कैंट से रथयात्रा तक ट्रायल रन किया जाएगा।

पहले चरण में कैंट से रथयात्रा के बीच कुल 18 टावर लगाए जाने हैं। इनमें से 12 टावर खड़े हो चुके हैं। 13वां टावर ट्रायल रन के पहले बन जाएगा। दूसरे चरण में रथयात्रा से गोदौलिया के बीच काम शुरू होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट में कुल 28 टावर खड़े होंगे। 4 स्टेशन बनेंगे और 807 करोड़ रुपये लागत आएगी। पहले फेज के ट्रायल के बाद जल्द ही यात्रियों के लिए यह सुविधा शुरू होगी। इस सुविधा के तहत 750 यात्री 15 मिनट में कैंट से गोदौलिया पहुंचकर बाबा विश्वनाथ और मां गंगा का दर्शन कर सकेंगे। घरों के ऊपर से केबल कार गुजरेगी। सिटी का एरियल व्यू दिखेगा।

प्रति घंटे 3000 यात्री सफर कर सकेंगे

रोप-वे की कुल लंबाई 3.75 किमी होगी। इसमें 5 स्टेशन बनाए जाएंगे, लेकिन चढ़ने उतरने के लिए चार स्टेशन ही होंगे। पांचवां स्टेशन तकनीकी कारणों से बनाया जाएगा। इन चार स्टेशनों में पहला कैंट रेलवे स्टेशन होगा, जहां से रोपवे शुरू हो रहा है, दूसरा विद्यापीठ, तीसरा रथयात्रा, चौथा और अंतिम स्टेशन गोदौलिया होगा।

रोप-वे की केबल कार पर प्रति घंटे 3000 यात्री सफर कर सकेंगे। लोगों की संख्या बढ़ाने के साथ केबल कारों की संख्या बढ़ाई जाएगी। शुरुआती दौर में 300 यात्री प्रति घंटे सफर कर सकेंगे। इस रोप-वे में 10 सीटों वाली केबल कार चलाने की तैयारी है। शुरुआत में कुल 18 केबल कार रोप-वे में चलेंगी। हालांकि, रोप-वे की डिजाइन ऐसी है कि जरूरत के हिसाब से केबल कार की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

   

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