डिजिटल क्षेत्र में युवाओं को अधिकाधिक रोजगार के अवसर देने का लक्ष्य : भूपेंद्र पटेल

एमओयू

-माइक्रोसॉफ्ट के साथ गिफ्ट सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए एमओयू

गांधीनगर, 29 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात को फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी के अधिकतम विनियोग से अग्रसर रखने का संकल्प व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात का जो रोडमैप बनाया गया है, उसमें भी फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी को प्रमुखता दी गई है।

पटेल शनिवार को गांधीनगर में राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी यानी डीएसटी) द्वारा डीप टेक्नोलॉजी के रूप में तीन महत्वपूर्ण मोमेरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) और कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम अंतर्गत एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) पर हस्ताक्षर तथा दस्तावेजों के आदान-प्रदान के अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जो एमओयू हुए हैं, उनके अंतर्गत माइक्रोसॉफ्ट तथा गुजरात सरकार का डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी दोनों मिल कर गिफ्ट सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करेंगे। इस सेंटर में मशीन लर्निंग, कोग्निटिव सर्विसेज तथा बोट सर्विस जैसी मुख्य टेकनोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। ये टेक्नोलॉजियाँ विभिन्न क्षेत्रों के पायलट प्रोजेक्ट्स, सफल पायलट प्रोजेक्ट्स का रोलआउट तथा विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगी।

नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड कंपनीज (नैसकॉम) के साथ हुए एमओयू के तहत राज्य की एआई क्षमताओं को अधिक मजबूत किया जाएगा। नैसकॉम विभिन्न क्षेत्रों के एआई सॉल्यूशन्स विकसित करने, पायलट प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन एवं विभिन्न सरकारी विभागों व निजी क्षेत्रों में एआई मॉडल्स को अपनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नैसकॉम इस केन्द्र का संचालन करेगा तथा गुजरात इन्फॉर्मेटिक्स लिमिटेड (जीआईएल) द्वारा एआई सेंटर में जरूरी ऑपरेटिंग सिस्टम और शेष वित्तीय कोष प्रदान किया जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट एवं नैसकॉम के साथ यह समझौता पाँच वर्ष के लिए किया गया है, जिसके चलते समझौते के बाद एआई सेंटर को तुरंत ही शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इन एमओयू को एआई एवं डिजिटल इन्फॉर्मेशन में गुजरात को राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट स्थान देने की दिशा में उल्लेखनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि ये एमओयू डिजिटल इकोसिस्टम को प्रोत्साहन देने के साथ डिजिटल क्षेत्र में अधिक रोजगार का सृजन भी करेंगे।

राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (आईबीएम) के साथ हुए एमओयू के अंतर्गत एआई का उपयोग बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज में किया जाएगा तथा इंश्योरेंस क्षेत्र के लिए एआई क्लस्टर स्थापित किया जाएगा।

आईबीएम गिफ्ट सिटी में उसके वॉट्सन-एक्स नामक प्लेटफॉर्म के माध्यम से एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी और गिफ्ट सिटी में कार्यरत बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज तथा इंश्योरेंस से जुड़ी कंपनियों द्वारा इनोवेटिव और अधिक प्रभावशाली सेवाएँ विकसित की जा सकेंगी। आईबीएम की टेक्नोलॉजी का उपयोग भारत के लगभग 80 प्रतिशत वित्तीय संस्थान करते हैं।

आईबीएम के इस अत्याधुनिक एआई प्लेटफॉर्म तथा क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर के उपयोग से गिफ्ट सिटी में स्थित फिनटेक कंपनियों को वित्तीय लेन-देन में उपयोग किए जा सकने वाले एआई सॉफ्टवेयर्स विकसित करने में मदद मिलेगी। आईबीएम की यह सुविधा बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज तथा इंश्योरेंस सेक्टर में कार्यरत संस्थानों को एआई आधारित डिजिटल सॉल्यूशन विकसित कर एआई आधारित सेवाएँ प्रदान करने में सहायक होगी। इसके अतिरिक्त आईबीएम राज्य के स्कूल- विश्वविद्यालयों में एआई पाठ्यक्रम विकसित करने में सहयता करेगा। पाँच कंपनियाँ कोर्स प्रोवाइडर्स तथा चार विश्वविद्यालय एग्रीगेटर्स के रूप में आगे आई हैं। पाँच कोर्स प्रोवाइडर्स कंपनियों में आईबीएम, एनवीइंडिया, एडब्ल्यूएस, टीसीएस तथा एल एण्ड टी एजुटेक शामिल हैं। चार एग्रीगेटर्स विश्वविद्यालयों में जीटीयू, आईआईटीआरएएम, पीडीईयू और गणपत यूनिवर्सिटी शामिल हैं। राज्य सरकार के इस प्रयास की फलश्रुति के रूप में आगामी तीन वर्षों में राज्य में लगभग 25 हजार विद्यार्थियों को डीप टेक्नोलॉजी आधारित पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का लाभ मिलने लगेगा। आईटीआई-गांधीनगर तथा साइंस सिटी के बीच भी एक एग्रीमेंट का आदान प्रदान किया गया, जिसके अनुसार राज्य के 10 हजार विद्यार्थियों के लिए लगभग 180 स्टेम वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा।

आईबीएम इंडिया-साउथ एशिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव मोना खंधार, गिफ्ट सिटी के प्रबंध निदेशक तपन रे समेत जीटीयू के वाइस चांसलर डॉ. राजुल गज्जर, एआई-माइक्रोसॉफ्ट लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डाइरेक्टर वेंकटेशन कृष्णन, आईआईटी-गांधीनगर के डीन प्रो. अमित प्रशांत, आईबीएम, माइक्रोसऑप्ट, नैसकोम के एआई तथा आईटी से जुड़े टेक्नोक्रेट्स और राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उच्चाधिकारी मौजूद थे। आईसीटी तथा ई-गवर्नेंस डाइरेक्टर तुषार भट्ट ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/संजीव

   

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