बिहार में 14 साल पुराने पुल का पिलर धंसा, आवागमन बाधित

पटना, 30 जून (हि.स.)। बिहार में पिछले कई दिनों से पुल गिरने का सिलसिला जारी है। एक के बाद एक कर कई जिलों में कहीं पुल गिरने या कहीं पुल के पीलर के ध्वस्त होने का मामला आता रहा है। इसी कड़ी में तीन दिनों के मूसलाधार बारिश के बीच रविवार को किशनगंज जिले में भी एक पुल गिर गया।

किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत खोसीडांगी में बूंद नदी पर बने 14 साल पुराने पुल का दो पिलर धंस गया। इसे लेकर पुल पर आवागमन को रोक दिया गया है। पुल पर बैरिकेटिंग भी लगा दी गयी है। भारी वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगायी गयी है।

ठाकुरगंज की सीओ सुचिता कुमार ने कहा कि ग्रामीणों से पुल का पिलर धंसने की जानकारी मिली है।

आरडब्लूडी के सहायक अभियंता आलोक भूषण ने कहा कि पुल पर आवागमन पर रोक लगा दी गयी है। बैरिकेटिंग लगाने की तैयारी की जा रही है। इस पुल का निर्माण 2009-10 में विशेष प्रमंड के तहत किया गया था। भारी वाहनों के आवागमन के कारण पुल क्षतिग्रस्त हाे गयी है।

2010 में बने इस पुल पर भी खतरा मंडराने लगा है। लोग इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि यदि पूरा पुल गिर गया तो भारी मुसीबत हो जाएगी। यह किशनगंज के ठाकुरगंज मुख्यालय से पश्चिम बंगाल को जोड़ता है। यह पुल लोगों के लिए बहुत मायने रखता है। इसे लेकर इलाके के लोग काफी परेशान हैं।

इससे पहले अररिया, सीवान, मोतिहारी, किशनगंज और मधुबनी में पुल ढह गया था। वहीं हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बाईपास के निर्माणाधीन पुल की रेलिंग में भी दरारें मिलने की बात सामने आई थी। मधौल में नवनिर्मित पुल की रेलिंग में आई दरारों के कारण पुल के गिरने का खतरा बन गया था।

हिन्दुस्थान समाचार/चंदा/आकाश

   

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