हिमाचल में मौजूदा हालात के चलते राष्ट्रपति शासन लगाना जरूरी : मेजर मनकोटिया

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा नेता मेजर मनकोटिया।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा नेता मेजर मनकोटिया।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा नेता मेजर मनकोटिया।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा नेता मेजर मनकोटिया।पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा नेता मेजर मनकोटिया।

धर्मशाला, 04 जुलाई (हि.स.)। भाजपा नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर हिमाचल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। मेजर मनकोटिया ने मुख्यमंत्री सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। मेजर मनकोटिया ने यह मांग धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उठाई है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार का खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है। प्रदेश में वित्तीय आपातकाल की स्थिति पैदा हो गई है। कर्मचारी और पेंशनर भी अपने वेतन और पेंशन समय पर न मिलने पर आवाज बुलंद कर रहे हैं। मेजर मनकोटिया ने कहा कि सरकार का खजाना खाली है, इसलिए प्रदेश सरकार आर्थिक संकट से घिर चुकी है, जिसे अब नैतिकता के आधार पर चले जाना चाहिए।

मेजर ने तर्क दिया कि प्रदेश सरकार के पास आय अर्जित करने का कोई विकल्प नहीं है, इसलिए हर चीज के लिए केंद्र का मुंह ताकना पड़ेगा, अगर हिमाचल सरकार को केंद्र ने ही चलाना है तो बेहतर है हिमाचल में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए, क्योंकि ऐसी निकम्मी सरकार की प्रदेश को कोई आवश्यक्ता नहीं है। मेजर मनकोटिया ने कहा कि सुक्खू सीएम बनने के काबिल ही नहीं है क्योंंकि सीएम की नाकामी से पूरा प्रदेश पिछड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाए की मुख्यमंत्री की नालायकी की बजह से प्रदेश में वित्तीय आपातकाल की स्थिति बन चुकी है। इसलिए राष्ट्रपति शासन जरूरी हो चुका है।

वीरभद्र की प्रतिमा लगाने का किया विरोध

मेजर मनकोटिया ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र की प्रतिमा लगाने जा रही है, जिसका भाजपा पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि हम आम तौर पर किसी भी नेता के निधन के बाद उसकी स्मृति का तभी सम्मान करते हैं, यदि उस नेता के पास उच्च नैतिक चरित्र, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा हो, लेकिन पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह के साथ ऐसा बिलकुल नहीं था।

उन्होंने अपना तर्क रखते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह दिल्ली उच्च न्यायालय में अपने परिवार के सदस्यों के साथ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, बेइमानी (420), मनी लॉन्ड्रिंग आदि के आरोपों का सामना कर रहे थे। सीबीआई, ईडी और आईटी विभाग ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक सबूत पेश किए थे और उन्हें सजा का सामना करना पड़ रहा था। वीरभद्र सिंह एकमात्र मौजूदा मुख्यमंत्री थे, जिनके शिमला स्थित घर, हॉली लॉज को 26 सितंबर, 2015 को सील कर दिया गया था और छापा मारा गया था और उनकी और उनके बेटे की संपत्तियों को ईडी ने जब्त कर लिया था। इससे देवभूमि कहे जाने वाले राज्य को बहुत शर्मिंदगी और बदनामी उठानी पड़ी थी। इसलिए भाजपा उनकी प्रतिमा लगाने का विरोध करती है।

हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील

   

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