'आई रेड ऐप' से सड़क दुर्घटना रोकने में मिलेगी मदद,पुलिस ने जुटाया हादसों का आंकड़ा

—थाना प्रभारियों को दिया गया प्रशिक्षण,ऐप में विवरण भरने का गुर बताया गया

वाराणसी,03 जनवरी (हि.स.)। वाराणसी जिले में 'आई रेड ऐप' से सड़क दुर्घटना रोकने में मदद मिलेगी। वाराणसी पुलिस छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाओं का अध्ययन करने के साथ इसके आंकड़ों को आई रेड पोर्टल पर भी डालने की तैयारी है। इससे पता चलेगा कि हादसे का मुख्य कारण क्या है। और उसे कैसे रोका जा सकता है। अब तक हुए हादसों में सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत तेज गति से वाहन चलाने के कारण दुर्घटनाएं हुई है। आई रेड ऐप के लिए अपर पुलिस उपायुक्त यातायात कमिश्नरेट विकास कुमार एवं जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रसन्न पांडेय के निर्देशन में एनआईसी के रोल आउट प्रबंधक चन्द्रकांत तिवारी ने जिले के सभी थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक को प्रशिक्षण दिया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, वाराणसी के सभी परियोजना कार्यान्वयन इकाई, एन.एच.ए.आई. स्थित कार्यालय में चन्द्रकांत तिवारी ने थानेदारों को प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण में बताया गया कि दुर्घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचने वाले पुलिसकर्मी को ऐप पर हादसे से जुड़ी जानकारी देनी है। इसमें हादसे की तारीख, समय, दुर्घटना स्थल संबंधित वाहन दुर्घटना का संभावित कारण आदि अपलोड करना होगा । अपलोड होते ही पूरा विवरण स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग/पीडब्ल्यूडी के पास पहुंच जाएगा। संबंधित विभाग अब इसमें अपने स्तर से कार्रवाई करेंगे। इस ऐप में संबंधित विभागों का पूर्व में उपलब्ध डाटाबेस यथा वाहन रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, सीसीटीएनएस, स्वास्थ्य, राजमार्ग डेटाबेस को इंटीग्रेटेड किया गया है, ताकि संबंधित उपलब्ध का उपयोग करके प्रभावी रूप से दुर्घटना का समुचित विवरण दर्ज हो सके तथा उसके आधार पर निवारण हेतु प्रभावी कार्यवाही की जा सके।

—आई रेड ऐप के जरिए पुलिस ने जुटाया हादसों का आंकड़ा

जनपद वाराणसी में 15 फरवरी, 2021 से अब तक कुल 1400 दुर्घटनाएं ऐप में फीड हुई है। दुर्घटनाओं में कुल 690 की मृत्यु एवं 710 घायलों की संख्या है। जनपद में ब्लैक स्पॉट के चिन्हित स्थल हरहुआ बाज़ार बड़ागांव, गिलट बाज़ार से तरना शिवपुर, विश्वसुन्दरी पुल से भीटी, मोहनसराय बाईपास रोहनियां, धमनियां पुल लोहता, चिलबिला बड़ागांव, सुजाबाद से रामनगर हैं।

—दुर्घटनाओं को रोकना मुख्य उद्देश

एनआईसी के रोल आउट प्रबंधक चंद्रकांत तिवारी का कहना है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के रोड एक्सीडेन्ट एवं डेटाबेस योजना द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और उसका विवरण जुटाने के लिये सड़क दुर्घटना संबंधित सूचनाओं को ऐप में फीड कराना भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे आने वाले समय में सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा और घायलों की जान भी बचाई जा सकेगी, साथ ही जिन स्थानों पर दुर्घटनाएं हो रही हैं वहां पुलिस, यातायात विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं और वहां देखा जाता है कि दुर्घटना का कारण क्या रहा, उसमें क्या कमी है, वाहन ड्राइवर की क्या लापरवाही रही, सड़क की दूसरी तरफ से आ रहे वाहन की चकाचौंध लाइट के कारण तो हादसा नहीं हुआ, इसके बाद पूरा डाटा तैयार होता है और फिर उसे आईरेड एप पर अपडेट किया जाता है। इसी आधार पर ब्लैक स्पॉट वह खतरनाक स्पॉट तय किए जाते हैं और उन्हें ठीक करने की तैयारी शुरू की जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम

   

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