हर शर्त मानने को तैयार हूं, जमानत दे दीजिए मीलॉर्ड, पार्थ ने कोर्ट में की कातर अर्जी

कोलकाता, 03 जनवरी (हि.स.) । शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने अपने लिए जमानत की अर्जी बुधवार को लगाई है। न्यायाधीश से कातर आवेदन करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सेहत बहुत खराब है। घर पर रहकर चिकित्सा कराना चाहते हैं। किसी भी शर्त पर उन्हें जमानत दे दी जाए। वह हर शर्त पूरा करेंगे।

कोर्ट में वकील ने उनकी शारीरिक समस्याओं का हवाला देते हुए उन्हें किसी भी शर्त पर जमानत देने का अनुरोध किया। इसके बाद पार्थ ने हाथ जोड़कर कहा, ''मैं चाहता हूं कि मेरा इलाज घर पर ही हो।'' हालांकि, कोर्ट ने पार्थ चटर्जी को जमानत नहीं दी। न्यायाधीश ने 17 जनवरी तक जेल हिरासत का आदेश दिया।

वकील के जरिए पार्थ चटर्जी ने बैंकशाल कोर्ट में कहा, मैं किसी भी हालत में जमानत की मांग कर रहा हूं। मैं लंबे समय से गंभीर रूप से बीमार हूं। मैं घर पर इलाज कराने की गुहार लगा रहा हूं। वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि, मेडिकल बोर्ड ने नियमित ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी थी लेकिन पिछले नौ महीने से ब्लड टेस्ट नहीं हुआ है। जेल में इलाज नहीं मिल रहा है जैसा इलाज मिलना चाहिए।

हालांकि, सीबीआई के वकील ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि पार्थ चटर्जी का बिचौलियों से सीधा संबंध था। वित्तीय लेन-देन हुआ है। पार्थ चटर्जी ने अधिकारियों को प्रभावित कर उन्हें धमकाने की कोशिश की। पार्थ चटर्जी इस भ्रष्टाचार के सरगना हैं।

न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पार्थ चटर्जी को 17 जनवरी तक जेल में भेजने का आदेश दिया। संयोग से, ईडी ने जुलाई 2022 में पार्थ चटर्जी को शिक्षा में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसी वक्त पार्थ चटर्जी की ''करीबी'' अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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