पौष मकर संक्रांति रहेगी विशेष फलदायी: ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा

जयपुर, 4 जनवरी (हि.स.)। पौष माह में पड़ने वाली मकर संक्रांति इस बार विशेष शुभ फलदाई रहेगी। जिस हिसाब से संक्रांति का स्वरूप है , उसके हिसाब से जनता के सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी और मंगल कार्य संपन्न होंगे। गलत मार्ग पर चलने वाले चोर ,पाखंडी दुर्जन लोग दंड पाएंगे। गो सेवा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ेगी ।

ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि इसके साथ ही अनाज का उत्पादन अच्छा होगा। रोगों के निवारण के लिए विशेष कार्य होंगे। महंगाई नियंत्रण में रहेगी और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। राजनीतिक क्षेत्र में कुछ परिवर्तन के साथ उन्नति होगी।

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से वर्ष 2000 के पहले अक्सर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 13 जनवरी की मध्य रात्रि में होता था और 14 जनवरी को यह पर्व मनाया जाता था। पिछले कुछ सालों से मकर संक्रांति 14 जनवरी की मध्य रात्रि में आती है और 15 को पर्वकाल मनाया जाता है। इस साल भी संक्रांति 15 जनवरी को सुबह आएगी। इसके बाद इसका पर्वकाल मनाया जाएगा। हालांकि अगले साल 14 जनवरी को संक्रांति मनाई जाएगी।

ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति 14 जनवरी की रात्रि में आएगी और 15 जनवरी को मनाई जाएगी। पिछले कुछ सालों से अब संक्रांति 14 जनवरी की मध्य रात्रि में ही आती है और 15 जनवरी को ही पर्वकाल मनाया जाता है। आगे के सालों में भी मकर संक्रांति अधिकांश समय 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी। दरअसल, हर 70 साल के बाद संक्रांति पर्व एक दिन आगे बढ़ जाती है। क्योंकि निर्णय राशियां सूर्य से आगे हो जाती है। जिस प्रकार हर तीन साल में मलमास के कारण एक माह बढ़ जाता है, उसी प्रकार हर तीन वर्ष में संक्रांति काल एक घंटे बढ़ जाता है। इस तरह 70 से 80 साल में एक दिन बढ़ जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

   

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