मरने के बाद भी अजीत पाल ने बचाई दो जिंदगियां

जयपुर, 4 जनवरी (हि.स.)। सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में गुरुवार को 28वां अंगदान हुआ। जहां धौलपुर के युवक अजीत पाल के ब्रेनडेड होने के बाद उसके परिजनों ने उसके अंग दान करने पर सहमति दी। इसके बाद युवक की एक किडनी सवाई मानसिंह अस्पताल में ही एक मरीज को लगाई गई। दूसरी किडनी और लिवर जयपुर में ही संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती एक ही मरीज को लगाई गई। दिल का रिसीवर राजस्थान में नहीं होने के कारण वह डोनेट नहीं किया जा सका।

सवाई मानसिंह अस्पताल के नोडल अधिकारी ऑर्गन ट्रांसप्लांट डॉ देवेंद्र पुरोहित ने बताया कि अजीत पाल 24 दिसम्बर की राजाखेडा जिला धौलपुर में किसी रिश्तेदार से मिलकर अपने घर लौटने के दौरान बाइक के सामने जानवर के आ जाने से असंतुलित होकर गिर गया था, जिससे उसके तेज चोट आई। गंभीर घायल हो जाने पर उसे आगरा के रेनबो अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां से उसे 25 दिसंबर को सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर रैफर किया गया। सवाई मानसिंह के डॉक्टरों के काफी प्रयासों के बावजूद भी अजीत पाल को बचा पाना संभव नहीं हो पाया। इसक बाद उसे ब्रेन डैड घोषित कर दिया। डॉ. पुरोहित ने बताया कि डॉक्टरों और ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर्स की समझाइश के बाद अजीत पाल की मां चंद्रवती, पत्नी सुमन और अन्य रिश्तेदारों ने अंगदान की सहमति दी।

डॉक्टर पुरोहित ने बताया कि स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन राजस्थान की ओर से अंगों का आवंटन किया गया। इसमें अजीत पाल की एक किडनी सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती एक मरीज को दान की गई। जबकि दूसरी किडनी और लिवर संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती एक ही मरीज को दान करके लगाई गई। दिल को भी डोनेट करना था,लेकिन प्रदेश में कोई इस ग्रुप का रिसीवर नहीं मिला।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

   

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