18220 सेविका-सहायिका को चयनमुक्त करने का आदेश हो वापस, बढ़े मानदेय

भागलपुर, 06 जनवरी (हि.स.)। आंगनबाड़ी वर्कर्स की हड़ताल के दौरान भागलपुर की 878 सेविका व 836 सहायिका सहित बिहार भर की कुल 18220 सेविका-सहायिका को चयनमुक्त करने के आदेश को वापस लेने एवं सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर शनिवार को ऐक्टू और बिहार राज्य आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला पदाधिकारी भागलपुर के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री एवं समाज कल्याण विभाग के मंत्री को एक ज्ञापन सह मांग-पत्र सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल में ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, जिला उपाध्यक्ष अरुणाभ शेखर, जिला संयुक्त सचिव अमर कुमार, आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन की पूनम देवी औ भाकपा-माले के नगर सचिव विष्णु कुमार मंडल शामिल रहे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने सौंपे गए ज्ञापन के बारे में बताते हुए मौके पर कहा कि बिहार में बड़ी-बड़ी हड़तालें और आंदोलन हुए हैं। लेकिन ऐसी कार्यवाही कभी नहीं हुई है। विधिवत पूर्व सूचना दिए जाने के बावजूद 29 सितम्बर 2023 से शुरु हुए आंगनबाड़ी वर्कर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बीच निदेशक द्वारा भागलपुर की 1714 सहित बिहार भर की कुल 18220 सेविका-सहायिका को चयनमुक्त कर दिया गया। जो कि बिल्कुल न्यायसंगत नहीं है।

हजारों महिला वर्कर्स का एक साथ काम छीन लिए जाने से सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। ऑल इण्डिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) व बिहार राज्य आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन का स्पष्ट मांग है कि चूंकि बिहार में अन्य सभी राज्यों की तुलना में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को काफी कम मेहनताना मिलता है। इसलिए निश्चय ही राज्य सरकार अपने स्तर पर अपने मद से बिहार की सभी आंगनबाड़ी वर्कर्स के मानदेय में बढ़ोतरी करे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय/चंदा

   

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