भोपालः महिला एवं बाल विकास विभाग के तीन अधिकारी निलंबित

भोपाल, 6 जनवरी (हि.स.)। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने शनिवार को बाल गृह आंचल के अवैध संचालन में लापरवाही पर महिला एवं बाल विकास विभाग के तीन अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी बिन्दु सुनील ने दी।

उन्होंने बताया कि ग्राम तारासेवनियां जिला भोपाल में संचालित आंचल चिल्ड्रन होम के संबंध में जिला प्रशासन के द्वारा जांच की गई और जांच में पाया गया कि संस्था किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम-2015 एवं आदर्श नियम-2016 के मापदण्डों के अनुसार संचालित होना नहीं पायी गयी। उक्त चिल्ड्रन होम, का किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम-2015 की धारा 41 अन्तर्गत पंजीकरण / मान्यता नहीं है। यह संस्था वर्ष 2020 से संचालित है।

उक्त संस्था के चिल्ड्रन होम की किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 41 के उल्लंघन में थाना परवलिया सड़क में संस्था संचालक अनिल मैथ्यू एवं पदाधिकारी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अपराध कमांक-4/24, धारा 34, 42 एवं 75 किशोर न्याय बालिकाओं की देख-रेख और संरक्षण अधिनियम-2015 के उल्लंघन में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। संस्था में निवासरत 41 बालिकाओं को दिनांक 05.01.2024 को बाल कल्याण समिति भोपाल के समक्ष प्रस्तुत कराया गया। बाल कल्याण समिति द्वारा सभी बालिकाओं से चर्चा उपरान्त कुल 41 बालिकाओं को बाल कल्याण समिति, जिला भोपाल द्वारा विधिवत आदेश करते हुए किशोर न्याय अधिनियम-2015 के अन्तर्गत पंजीकृत शासकीय बालिका गृह नेहरू नगर भोपाल में 14, बाल निकेतन ट्रस्ट बाल गृह बस स्टेण्ड में 10 और नित्य सेवा सोसायटी पीपलनेर गांधी नगर में 17 बालिकाओं को प्रवेश कराया गया है।

दिनांक 06 जनवरी 2024 को 26 बालिकाओं की गुमशुदगी का समाचार आने पर इसकी जांच की गई तथा इन शेष 26 बालिकाओं को पुलिस के द्वारा उनके अभिभावकों के पास होने की सूचना प्रदाय की गई है एवं किसी की भी गुमशुदगी होना नहीं पाई गई है, परन्तु संस्था के अवैध संचालन के कारण उपरोक्त प्रकरण में लापरवाही पाये जाने पर संभाग आयुक्त भोपाल डॉ. पवन कुमार शर्मा के द्वारा तत्कालीन परियोजना अधिकारी बृजेन्द्र प्रताप सिंह, वर्तमान में परियोजना अधिकारी कोमल उपाध्याय एवं पर्यवेक्षक मंजूषा राज को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

बाल आयोग ने तारासेवनिया में संचालित अवैध बाल गृह का किया था निरीक्षण

दरअसल, गत दिवस राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो व सदस्यों ने भोपाल के तारासेवनिया में संयुक्त रूप से एक अवैध संचालित बाल गृह का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में पाया गया कि बाल गृह न तो पंजीकृत है न ही मान्यता प्राप्त है। साथ ही यहाँ जो बच्चियाँ रेस्क्यू कर के लाई गई,उनकी सूचना सीडब्लूसी को नहीं दी गई न ही अन्य शासकीय प्रक्रियाओं का पालन किया गया।इस पर आयोग द्वारा संस्था के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज कराई गई।

आयोग के निरीक्षण दौरान उपस्थित मिली 41 बच्चियों को प्रशासन द्वारा पंजीकृत बाल गृह में शिफ्ट कर दिया गया है। इसी के साथ कुछ बच्चियों के फॉर्म वहाँ मिले पर वे उपस्थित नहीं मिली उनके संबंध में पूछने पर संस्था द्वारा बताया गया कि बच्चियाँ अपने घर वापस चली गई है, जिसका पुलिस के द्वारा वेरिफिकेशन कराया गया एवं सभी बच्चियाँ अपने घरों पर माता पिता के साथ मौजूद मिली।अतः बालिकाओं के ग़ायब हो जाने की जानकारी सही नहीं है।

इस मामले में पाई गई लापरवाही पर संभाग आयुक्त डॉ. पवन शर्मा ने सीडीपीओ बृजेन्द्र प्रताप सिंह (वर्तमान पदस्थापना गंजबासौदा), सीडीपीओ कोमल उपाध्याय एवं सुपरवाईजर मंजूषा राज को निलंबित कर दिया है। साथ ही महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

संभाग आयुक्त डॉ.पवन शर्मा के निर्देशन में सारी कार्यवाही की गई कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि संबंधित संस्था के भवन अनुमति एवं को फॉरेन फंडिंग तो नहीं हो रही इसकी भी जाँच की जा रही है। इसी के साथ ही अन्य विषयों की भी तहक़ीक़ात की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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