जीआईडीसी के अप्रयुक्त भूखंडों को वापस लेगी गुजरात सरकार, मिलेगा मुआवजा

- राज्य के उद्योगपतियों के हित में लिए महत्वपूर्ण निर्णय

- रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को मिलेगी गति

गांधीनगर, 07 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र (जीआईडीसी) में अप्रयुक्त खुले भूखंडों को वापस लेकर उद्योगों की स्थापना के माध्यम से उनका पुनः उपयोग करने के लिए उदार नीति अपनाने का निर्णय लिया है। राज्य की विभिन्न जीआईडीसी में अनुमानित 1800 हेक्टेयर अप्रयुक्त भूमि में नए उद्योग स्थापित किए जा सकेंगे।

गुजरात सरकार छोटे उद्यमियों को उद्योगों की स्थापना के लिए राज्य की जीआईडीसी में भूमि अधिग्रहण कर पट्टे पर भूमि आवंटित करती है। यदि ऐसे आवंटित किए गए भूखंड का उपयोग करने में उद्यमी सक्षम नहीं हैं, तो वे उस भूखंड को जीआईडीसी को वापस लौटा सकते हैं। ऐसे भूखंड को स्वैच्छिक रूप से वापस लौटाने के मामलों में उद्यमी को भूखंड के मौजूदा आवंटन मूल्य की तुलना में बहुत कम राशि वापस मिलती है। ऐसी स्थिति में उद्यमी भूखंड को स्वैच्छिक रूप से वापस लौटाने के लिए प्रोत्साहित नहीं होते, इस कारण भूखंड अप्रयुक्त स्थिति में रह जाता है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अब इस स्थिति का सकारात्मक निवारण करने के लिए उदार नीति अपनाने का निर्णय किया है।

ऐसे भूखंड को वापस लौटाने के मामले में उद्यमी को आवंटन के समय भुगतान किए गए मूल्य और जीआईडीसी के मौजूदा आवंटन मूल्य के अंतर की 75 फीसदी की अधिकतम सीमा में राशि वापस लौटाई जाएगी। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य में अलग-अलग जीआईडीसी में अनुमानित 1800 हेक्टेयर अप्रयुक्त भूमि उद्योगों की स्थापना के लिए उपलब्ध होगी। इतना ही नहीं, इस निर्णय से आर्थिक विकास के साथ रोजगार सृजन को भी गति मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/सुनीत

   

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