खंडवा: कारसेवक बोले-जीवन की सबसे बड़ी खुशी है राम मंदिर को बनते देखना

*कार सेवक सम्मेलन में जुटे अयोध्या आंदोलन में शामिल लोग*

खंडवा,9 जनवरी (हि. स.)। हम जब कारसेवा के लिए पहुंचे तो भयंकर कड़ाके की ठंड में लाखों की संख्या में कारसेवक अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्र में उपस्थित थे और श्रीराम धुन हर जगह सुनाई दे रही थी। अनुशासित ढंग से स्थानीय लोगों से सहयोग से की गई व्यवस्था में कारसेवक 6 दिसंबर के कई दिन पूर्व से ही अयोध्या एवं आसपास डेरा डाले हुए थे। स्थानीय लोगों ने उनकी आवश्यकताओं के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। ऐसे में कारसेवा वाले दिन बिना किसी भी साधन के कारसेवकों के द्वारा उस गुलामी के प्रतीक ढांचे का विध्वंस कर दिया गया और जब वापसी के लिए निकल रहे थे तो विधर्मियों द्वारा आने वाली रेलगाडिय़ां पर एवं पैदल निकलने वाले लोगों पर खूब पथराव किया गया, लेकिन कर सेवकों का उत्साह कम नहीं हुआ। कई स्थानों पर कारसेवकों से मारपीट की गई। कई पुलिस प्रताडऩा भी मिली, लेकिन जो गर्व का भाव मन में था उसको लेकर सारे कार्यकर्ता अपने घर तक पहुंचे। कुछ कारसेवक बलिदान भी हुए। सैकड़ों की संख्या में घायल भी हुए, लेकिन आज जब श्रीरामजी का भव्य मंदिर हमारी आंखों के सामने बन गया है तो वह सारा दर्द गौरव प्रदान करने वाला लग रहा है। ऐसे ही अनुभव कथनों के साथ में कारसेवकों का मिलन समारोह मंगलवार को संपन्न हुआ।

कार्यक्रम को प्रारंभ करते हुए संयोजक रामचंद्र मौर्य ने कहा कि कारसेवा का भाव केवल कारसेवक के मन में ही नहीं था बल्कि उनके परिवार के लोगों ने भी यह जानते हुए उन्हें जाने दिया कि कभी वहां कोई अनहोनी भी हो सकती है। ऐसे में कारसेवकों के परिवार भी धन्यवाद के और अभिनंदन के पात्र हैं। अनुभव कथन के रूप में त्रिलोक पटेल, राजेश डोंगरे, लोकेंद्र सिंह गौड़, शिवनारायण सिंह आशापुर, सेवादास पटेल, अशोक पालीवाल, राजेंद्र राठौर ने अपने भावनाएं व्यक्ति की। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में कारसेवक उपस्थित थे। जिन्होंने एक बार पुन: अयोध्या जाकर सामूहिक रूप से श्रीरामलला के दर्शन की इच्छा जताई।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उद्बोधन देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक अजय सिंह गौड़ ने कहा कि श्रीराम मंदिर केवल एक मंदिर मात्र नहीं है यह भारत के विश्व में उदय होने का प्रतीक है। आज भारत की ओर संपूर्ण विश्व आशा भरी दृष्टि से देख रहा है, इसके पीछे कहीं ना कहीं सनातन की शक्ति ही है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूनम चंद बराड़े, रामकिशन पटेल, ललिता शंकर पटेल, गुलाब सिंह तोमर, विष्णु पाटीदार, गजानन बुंदेकर, राजेंद्र सिंह सोलंकी, शिवलाल पटेल, विष्णु सोनी, अनिल वर्मा, ऋषि वर्मा, हरीश कोटवाले, हरीश खाड़े, सहित बड़ी संख्या में कारसेवक एवं नगरजन सम्मिलित हुए। समस्त कारसेवकों का सम्मान मोतियों की माला से किया गया। इसके साथ ही बजरंग दल के अनिमेष जोशी एवं आदित्य मेहता, माणक अग्रवाल द्वारा सभी कारसेवकों का सम्मान भगवा दुपट्टे से किया गया। महापौर अमृता यादव द्वारा कारसेवकों के सम्मान स्वरूप उद्बोधन दिया गया। संचालन भूपेन्द्र सिंह चौहान ने किया। आभार मुकेश तनवे ने माना।

हिन्दुस्थान समाचार/हर्ष

   

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