नटरंग ने किया आधी रात के बाद का मंचन

जम्मू, 14 जनवरी (हि.स.)। नटरंग की सन्डे थिएटर श्रृंखला के अंतर्गत शंकर शेष द्वारा लिखित नाटक ‘आधी रात का मंचन हुआ। नाटक का निर्देशन मोहम्मद यासीन ने किया। शंकर शेष का नाटक देश की न्याय व्यवस्था पर बड़े सवाल उठाता है। नाटक का मुख्य पात्र एक चोर है, जो अपने सवालों से न्याय व्यवस्था पर तीखा कटाक्ष करता है। वह बताता है कि इस न्याय व्यवस्था में जो रसूखदार है, पूंजीपति है, पैसे वाला है, वह बहुत बड़ा गुनाह कर के भी बच जाता है, जबकि गरीब इसमें मारा जाता है।

नाटक 'आधी रात के बाद' के मंचन की शुरुआत में एक चोर एक न्यायाधीश के घर में चोरी करने जाते दिखाया गया है, लेकिन दरअसल वह चोरी करने नहीं बल्कि खुद को पुलिस से पकड़वाने के लिए जज के घर में घुसा है। उसने मुंबई की एक चाल में एक पत्रकार की हत्या होते देखा है। यह हत्या अमीर बिल्डर ने करवाई है। इसलिए वह चाहता है कि उसके सीने में दफन यह राज पुलिस तक पहुंच जाए। उसे डर है कि यदि वह इस मामले के गुनहगारों के हाथ लग गया तो उसे मार दिया जाएगा। इसलिए वह जेल जाना चाहता है, ताकि बचा रहे।

वह जज के घर में घुसते ही उनसे कहता है कि वे उसे पुलिस के हवाले कर दें, लेकिन घर के फोन डेड होने से ऐसा नहीं हो पाता है। ऐसे में जज के साथ उसका लंबा संवाद होता है, जिसमें वह न्याय व्यवस्था की कई खामियों को उजागर करता है। इससे जज उससे बहुत प्रभावित होता है। वह जज के सामने हत्या से जुड़े सबूत रखता है, जिसके आधार पर पुलिस कार्रवाई करती है। नाटक के संवाद इतने कसे हैं कि वे दर्शक को बांधे रखते हैं। नाटक का सस्पेंस दर्शकों की जिज्ञासा को शांत नहीं होने देता और वे अंत तक उसके मोहपाश में बंधे रहते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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