आधुनिक रायगढ़ के शिल्पकार स्व. सेठ किरोड़ीमल, जयंती पर ओपी चौधरी ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया

रायगढ़, 15 जनवरी (हि.स.)। आधुनिक रायगढ़ के शिल्पकार स्वर्गीय सेठ किरोड़ी मल की जयंती पर सोमवार को स्मरण करते हुए वित्त मंत्री रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उन्होंने कहा कि दशकों पूर्व रायगढ़ वासियों के लिए स्कूल कॉलेज, कॉलोनी कुआं, धर्मशाला, मंदिर चिकित्सालय का निर्माण करवाने वाले स्व. सेठ किरोड़ीमल ने रायगढ़ को पूरे देश में एक नई पहचान दी है।

15 जनवरी 1882 को हिसार (हरियाणा) में जन्मे आधुनिक रायगढ़ के इस महान शिल्पी का जीवन राजनीति से जुड़े लोगों के लिए प्रेरणा दाई है। उनकी अदभुत दानवीरता की वजह से वे आज भी रायगढ़ वासियों के दिलों में जीवित है। आम जनता के लिए समर्पित रहने वाले सेठ किरोड़ीमल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी अदभुत दानवीरता के प्रति रायगढ़ वासी सदैव ऋणी रहेंगे। अनुशासित किरोड़ी मल ने सामान्य शिक्षा ग्रहण की। अपने बुद्धि कौशल,कठिन परिश्रम तथा अनुशासन के बल पर वे व्यापार के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचे।व्यापार के जरिए अर्जित धन संपदा को सेठ किरोड़ीमल ने समाज सेवा व जनहित के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े निर्माण कार्यों में खर्च कर दिया। रायगढ़ के हर कोने में मौजूद इमारतें उनसे जुड़ी यादगार स्मृतियों की गवाह हैं।

नटवर हाई स्कूल, पॉलटेक्निक कॉलेज, डिग्री कॉलेज, पुस्तकालय, जिला चिकित्सालय, बालमंदिर विद्यालय, बालसदन,गौरी शंकर मंदिर, बूजी भवन धर्मशाला, भरत कूप और बावली-कुआं सहित बहुत सी आवासीय कालोनियों का निर्माण कार्य सेठ किरोड़ीमल के कार्यकाल की देन है। रायगढ़ को औद्योगिक नगर के रूप में पहचान दिलाने वाले प्रदेश के प्रथम जूटमिल की स्थापना उनके प्रयासों की देन है। सिर्फ रायगढ़ ही नहीं वरन देश के विभिन्न स्थानों जैसे दिल्ली, मथुरा, मेंहदीपुर (राजस्थान), भिवानी (हरियाणा), पचमढ़ी, रायपुर आदि नगरों में अनेक स्कूल, धर्मशाला एवं रैन बसेरा मन्दिर का निर्माण उनकी दानवीरता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।गौरीशंकर मंदिर से रायगढ़ के प्रसिद्ध झूला-मेले की शुरुआत उनके लोक कल्याण कारी कार्यों का जीवन्त उदाहरण भी है। शब्दों में उनके परोपकार से जुड़े कार्यों की व्याख्या नहीं की जा सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार /रघुवीर प्रधान

   

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