ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती का अमन-मोहब्बत का पैगाम जन जन तक पहुंचे : राज्यपाल
- Admin Admin
- Jan 17, 2024
अजमेर, 17 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें सालाना उर्स के अवसर पर दरगाह शरीफ अजमेर में बुधवार को चादर पेश की गई।
राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल ने मजार शरीफ पर पहुंच कर राज्यपाल की तरफ से चादर भेंट की। उनके साथ परिसहाय स्क्वाड्रन लीडर विकास श्योराण भी थे। दरगाह कमेटी के नाजिम लियाकत अली अफाकी द्वारा दस्तार बांधकर सम्मान किया गया और सभी को तर्बरूक दी गई। दरगाह पहुंचने पर पहले राज्यपाल की ओर से जियारत की गई। जियारत सैय्यद अब्दुल बारी एवं सैय्यद अब्दुल वसीम ने कराई। बाद में राज्यपाल मिश्र द्वारा भेजे संदेश को उनके प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल ने पढ़कर सुनाते हुए कहा कि ख्वाजा साहब देश की संस्कृति के संवाहक है। उन्होंने संदेश के अंर्तगत राज्यपाल द्वारा देश और प्रदेश के लोगों की खुशहाली, संपन्नता और निरोगी रहने की दुआ करते हुए देश-दुनिया से अजमेर आ रहे जायरीन को मुबारकबाद भी दी।
राज्यपाल मिश्र ने अपने संदेश में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के अमन और मोहब्बत का पैगाम जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यतीमों की मदद करने वाले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती देश की राष्ट्रीय एकता, भाईचारे, सद्भाव और सौहार्द के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि ख्वाजा साहब का उर्स भावनात्मक एकता का प्रतीक है। यह सदा अमन और मोहब्बत का पैगाम लेकर आता है। राज्यपाल ने कहा है कि भारतीय संस्कृति संत-महात्माओं और पीर पैगम्बरों के उदात्त जीवन मूल्यों से जुड़ी है। इससे पहले बुधवार सुबह राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल को दरगाह शरीफ में चादर पेश करने के लिए उन्हें सौंपी। उन्होंने इस दौरान कहा कि विविधता में एकता के साथ साम्प्रदायिक सद्भाव से जुड़ी भारतीय संस्कृति का पथ प्रदर्शन मोईनुद्दीन चिश्ती जैसे पीर पैगम्बरों ने ही किया है। उनके मानवता के संदेश सदा ही अनुकरणीय रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ संदीप