राजा-प्रजा वाली व्यवस्था है राजद जैसे दलों का मॉडल : प्रशांत किशोर

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बेगूसराय, 18 जनवरी (हि.स.)। नीतीश कुमार की सरकार ने चुनाव से ठीक पहले बड़ा फैसला लिया है, बिहार के 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपए देने की बात पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आज बेगूसराय में गंज कसा है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि दो लाख रुपए प्रति परिवार को यह दे पाएं तो अच्छी बात है। लेकिन इन्हें ना पैसा देना है और ना ही कुछ करना है, चुनाव अभी सामने है तो यह लालीपॉप बांटने का तरीका है। अगर सरकार के पास साधन है, तो पैसे ट्रांसफर करना चाहिए।

आर्थिक-सामाजिक नजरिए से बिहार देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। यहां एक सौ में 80 लोग दिनभर में एक सौ रुपये भी नहीं कमाते हैं। बिहार में प्रति व्यक्ति आय करीब 35 हजार रुपए है, वहीं देश में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 35 हजार रुपये है।

सरकार के पास अगर साधन है और ईमानदारी से उनकी मदद होती है तो उसका स्वागत करते हैं। लेकिन इस तरह के रेवड़ी बांटने से कुछ होने वाला नहीं है। जबतक आप समाज को पढ़ाएंगे नहीं, शिक्षित नहीं बनाएंगे, रोजगार नहीं देंगे, तब तक सुधार नहीं होगा।

प्रशांत किशोर ने कहा कि यह राजा-प्रजा वाली व्यवस्था है कि जब आप गरीबी-परेशानी में पड़ेंगे तो हम मदद कर देंगे। राजद जैसे दलों का यही मॉडल है। अस्पताल सुधारना नहीं है, अस्पताल का औचक निरीक्षण करना है। अस्पताल सुधारो, उसके लिए कोई व्यवस्था बनाओ, उसके बाद ही निरीक्षण होना चाहिए।

प्रशांत किशोर ने कहा कि दो लाख रुपये को तीन किश्त में देने की बात है, तो पहली किश्त में 65 हजार रुपये हुआ, ऐसे में महीने का पांच हजार रुपये हुआ। पांच हजार रुपये मिलने से किस परिवार की गरीबी दूर हो जाएगी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने एक योजना जारी की थी, जिसमें हर परिवार को छह हजार रुपये देने की बात कही थी, उससे उन्हें कोई वोट मिला, क्या जनता इतनी बेवकूफ है।

उन्होंने दो लाख रुपए अगर आप प्रति परिवार देते हैं, तो पांच हजार रुपये महीना होगा। वहीं परिवार में अगर पांच लोग रहते हैं, तो प्रति व्यक्ति हजार रुपए होता है। वृद्धा पेंशन दे रहे हैं चार सौ रुपये और प्रति व्यक्ति एक हजार रुपये देने लगिएगा, यह तो झूठ की बात है, पब्लिक को बेवकूफ बनाने की बात है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

   

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