अनूपपुर: बिल्डर्स पर कार्यवाही नहीं होने पर प्रमुख सचिव, संभागायुक्त, कलेक्टर पर लगा 10-10 हजार रुपए का जुर्माना

एसडीएम, तहसीलदार, मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनूपपुर के साथ रेरा के अधिकारी शामिल

अनूपपुर, 19 जनवरी (हि.स.)। मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर ने अनूपपुर में निर्मित विवेकानंद स्मार्ट सिटी के निर्माण में मप्र शासन की भूमि का अवैध उपयोग करने बंदोबस्त और शासन की भूमि पर निर्माण कर बेचने कि शिकायत मधुकर चतुर्वेदी द्वारा करने पर जांच के बाद भी माहेश्वरी बिल्डर्स पर कार्यवाही नहीं होने पर मप्र उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसके बाद जबाब के लिए कई बार समय लेने के बाद भी जवाब नहीं दिया जा रहा था, जिस पर उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की याचिका में प्रमुख सचिव राजस्व, संभागायुक्त शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर, एसडीएम अनूपपुर, तहसीलदार अनूपपुर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनूपपुर के साथ रेरा पर लगा दस-दस हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए सभी को रजिस्ट्रार कार्यालय में एक सप्ताह के अंदर राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशुतोष जोशी ने बताया कि माहेश्वरी बिल्डर्स अनूपपुर के खिलाफ जांच करने के बाद भी प्रशासन कार्यवाही नहीं कर रहा और बिल्डर्स द्वारा भवन की बिक्री यथावत की जा रही हैं, जांच में जो तथ्य सामने आए उनसे यह प्रतीत हो रहा था कि शासन को हो रहे नुकसान का भरपाई कर पाना कठिन हो जायेगा। याचिकाकर्ता मधुकर चतुर्वेदी द्वारा जांच के बाद भी कार्यवाही नहीं होने पर मप्र उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसके बाद जबाब के लिए कई बार समय लेने के बाद भी जवाब नहीं दिया गया। इस संदर्भ में याचिकाकर्ता ने रिस्पोंडेंट बनाए गए शासन के सभी जो याचिका में हैं जिसमे प्रमुख सचिव राजस्व, संभागायुक्त शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर, एसडीएम अनूपपुर, तहसीलदार अनूपपुर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनूपपुर एवं रेरा के अधिकारी शामिल हैं। सभी पर उच्च न्यायालय ने व्यक्तिगत दस-दस हजार की कास्ट लगाई है। वहीं मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी नियत किया है। अब देखना यह है कि प्रशासन बिल्डर्स के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला

   

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