भगवान राम ने सदैव छोटों को सम्मान दिया : पं. बृजेश पाठक 'रामायणी'

मुरादाबाद के रामगंगा विहार में श्रीराम कथा सुनाते पंडित बृजेश पाठक रामायणी।मुरादाबाद के रामगंगा विहार में श्रीराम कथा सुनाते पंडित बृजेश पाठक रामायणी।मुरादाबाद के रामगंगा विहार में श्रीराम कथा सुनाते पंडित बृजेश पाठक रामायणी।

- रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में हो रही पांच दिवसीय श्री राम कथा का तीसरे दिन

मुरादाबाद, 20 जनवरी (हि.स.)। मुरादाबाद के रामगंगा विहार फेस दो आस्था कॉलोनी स्थित राधा कुंज दुर्गा मंदिर में श्री राम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में हो रही पांच दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन शनिवार को बरेली फरीदपुर से पधारे पंडित बृजेश पाठक 'रामायणी' ने कहा कि भगवान राम ने सदैव छोटे और दीन-हीन लोगों को मान दिया। इसीलिए रामायण में जो सौभाग्य भक्तमती शबरी को मिला, वह माता कौशल्या को भी नहीं मिला, क्योंकि जब श्री राम वन के लिए निकले थे भूखे निकले थे। माता कौशल्या को बड़ी वेदना थी कि हमारा बालक हमारे सामने से भूखा चला गया और जब वन में माता शबरी मिली तब प्रभु राम उनके द्वारा दिए गए कंद-मूल फल खाकर तृप्त हुए प्रभु राम सारे संसार को देते हैं।

पंडित बृजेश पाठक 'रामायणी' ने आगे कहा कि रामजी संसार को तृप्त करते हैं पर श्री राम को तृप्त करने वाली शबरी कितनी महान हैं। इसी प्रकार जो सौभाग्य जटायु को प्राप्त हुआ वह महाराज दशरथ को भी प्राप्त नहीं हुआ, क्योंकि हिंदू संस्कृति में यदि बड़े बेटे के हाथ पिता का अंतिम संस्कार हो तो उचित माना जाता है।

पं. बृजेश पाठक रामायणी ने कहा कि ऐसी ही परंपरा है पर महाराज दशरथ को यह सौभाग्य नहीं मिला। भगवान राम वन में थे इसलिए उनका अंतिम संस्कार छोटे बेटे भरत ने किया, जबकि जटायु जी का अंतिम संस्कार प्रभु राम ने स्वयं किया। इतना ही नहीं, उनका श्राद्ध भी किया। भगवान ने सबको मान दिया। निषादराज को उन्होंने अपना मित्र बनाया तो गिरिवासी,वनवासी वानर उनके भाई बन गए !प्रभु राम ने अपने प्यार और सम्मान से सबको अपना बनाया। प्रभु राम के व्यक्तित्व की यह विशेषता समाज में समरसता का संदेश देती है।

मीडिया प्रभारी निमित्त ने बताया कि 22 जनवरी तक राम कथा प्रतिदिन शाम 4 बजे से साढ़े 5 बजे तक चलेगी।श्री राम कथा में ब्रह्मवतार गुप्ता, अशोक कुमार मेहरोत्रा, कमलेश रस्तोगी, अनुराग शुक्ला, राकेश वर्मा, देवेंद्र सिंह आदि रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल

/सियाराम

   

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