खूंटी से अयोध्या गये कारसेवकों को किया गया सम्मानित

खूंटी, 20 जनवरी (हि.स.)। विहिप खूंटी नगर की ओर से शनिवार को खूंटी क्लब परिसर में समारोह का आयोजन कर 1990 और 1992 में राम कार्य के लिए अयोध्या गए खूंटी जिले के कारसेवकों को सम्मानित किया गया। विहिप के नगर अध्यक्ष मुकेश जायसवाल की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम में कारसेवकों का पैर पखारा गया और भगवा अंगवस्त्र और सम्मान पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया।

सम्मान पानेवाले विहिप और बजरंग दल से जुड़े कारसेवकों में अधिवक्ता भोलानंद तिवारी, मदन मोहन गुप्ता, ज्योतिष भगत, अधिवक्ता रासबिहारी चौधरी, बाल गोविंद सिंह, गोपाल चौधरी, अजीत जायसवाल, संतोष जायसवाल, समेत अन्य कारसेवक शामिल हैं। 1992 के बाद पहली बार राम मंदिर के लिए एक जगह इकट्ठा हुए कारसेवक कार्यक्रम में गूंज रहे रामलल्ला के उद्घोषों से भावुक हो गए। कहा कि आज देश बदल गया है यह देखकर वे अभिभूत हैं। कार सेवकों ने छह दिसंबर 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल अपने अनुभव साझा किए। मदन मोहन गुप्ता, भोलानंद तिवारी और ज्योतिष भगत ने बताया कि 1990 और 92 में पूरे उत्साह और जोश के साथ खूंटी से 1360 कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद खूंटी के कारसेवकों का हौसला बुलंद था और अपने रामजन्मभूमि के अधिकार के लिए कुछ भी करने का जज्बा था।

बड़ों के साथ कई 18-19 वर्ष के कारसेवकों में भी जबरदस्त जुनून था। पूरे देश में डर के माहौल के बीच बाबरी मस्जिद गिराने और रामलला को पुनर्स्थापित करने का जोश एक एक कारसेवक में दिख रहा था। कहा गया कि छह दिसंबर 1992 की घटना नहीं घटती तो 22 जनवरी 2024 का दिन देखने को नहीं मिलता। उन्होंने विशेष रूप से पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और सभी साधु संतों और कारसेवकों का धन्यवाद किया और कहा कि बहुत से कारसेवकों का सपना था कि अयोध्या में राममंदिर बने लेकिन वे आज इस गौरवपूर्ण क्षण को देखने के लिए नहीं रहे। आज हम सभी भाग्यशाली हैं कि छह दिसंबर 1992 को भी हम कारसेवक की भूमिका में थे और आज भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान भी अपनी आंखों से देखने का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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