जल जीवन मिशन योजना में हुई अनियमितताओं के दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

जयपुर, 24 जनवरी (हि.स.)। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जल जीवन मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजना में बड़े स्तर पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार सामने आया है। परिणामस्वरूप इस योजना के क्रियान्वयन में राजस्थान देश में अंतिम पायदान पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार योजना में हुई अनियमितताओं की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी क़ानूनी कार्रवाई करेगी। पिछले 20 दिनों से वर्तमान राज्य सरकार द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में सदस्य द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस भ्रष्टाचार में लिप्त संवेदकों को भी ब्लैकलिस्ट कर उनसे रिकवरी प्रारंभ की जाएगी।

इससे पहले सदस्य डॉ. जसवंत सिंह यादव के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि विधानसभा क्षेत्र बहरोड़ के कुल 142 ग्रामों में से 138 ग्रामों को जल जीवन मिशन के अन्तर्गत लाभान्वित करने के लिए 124 अन्य योजनाओं (वृहद परियोजनाओं के अतिरिक्त) की स्वीकृतियां राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) द्वारा जारी की जा चुकी है। इन 124 योजनाओं में से 97 योजनाओं (107 ग्राम) का कार्य प्रगतिरत है एवं 20 योजनाओं (24 ग्राम) के लिए निविदायें प्रक्रियाधीन है।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने बताया कि मैसर्स श्रीगणपति ट्यूबवैल कम्पनी शाहपुरा एवं मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवैल कम्पनी जयपुर द्वारा निविदाओं में भारत सरकार के उपक्रम मैसर्स इरकॉन इन्टरनेशनल लिमिटेड के कथितरूप से फर्जी एवं फैब्रिकेटेड कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र लगाये जाने की शिकायत प्राप्त हुई। इस क्रम में शासन उप सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, राजस्थान के आदेश दिनांक 24 जून 2023 द्वारा जांच कमेटी गठित करते हुए जांच रिपोर्ट प्राप्त होने व उस पर सक्षम निर्णय होने तक सन्दर्भित अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर विभाग में जिन भी निविदाओं में कार्य लिया गया है, उन कार्यों पर रोक लगायी जाकर उक्त कार्यों के विरूद्ध विभाग द्वारा देय समस्त प्रकार के भुगतान को तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश जारी किये गये।

उल्लेखनीय है कि 8 अगस्त 2023 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तत्कालीन अधिशाषी अभियन्ता मायालाल सैनी, सहायक अभियन्ता नीमराणा राकेश चौहान, कनिष्ठ अभियन्ता नीमराणा प्रदीप कुमार, पदमचन्द जैन, संवेदक मैसर्स श्रीश्याम ट्यूबवैल कम्पनी, महेश मित्तल संवेदक गणपति ट्यूबवैल कम्पनी व अन्य के विरूद्ध मिलीभगत कर रिश्वत लेने व देने की प्राथमिकी दर्ज की। जिसके पश्चात् विभाग द्वारा उक्त तीनों अभियन्ताओं को निलम्बित किया गया है। वर्तमान में प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के स्तर पर जांच प्रक्रियाधीन है।

हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ईश्वर

   

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