मोबाइल के अधिक प्रयोग से आंखों में हो रही परेशानी

मीडिया लैब भ्रमण के बाद एक तस्वीर में छात्र व शिक्षकमीडिया लैब भ्रमण के बाद एक तस्वीर में छात्र व शिक्षकमीडिया लैब भ्रमण के बाद एक तस्वीर में छात्र व शिक्षकमीडिया लैब भ्रमण के बाद एक तस्वीर में छात्र व शिक्षक

- केंद्रीय विद्यालय संगठन तीन के छात्रों ने किया बुविवि में मीडिया लैब का भ्रमण

- छात्रों के लिए मोबाइल के बेहतर उपयोग पर चर्चा में की भागीदारी

झांसी, 27 जनवरी (हि.स.)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में केंद्रीय विद्यालय संगठन क्रमांक तीन के छात्र-छात्राओं ने शैक्षणिक भ्रमण किया। पत्रकारिता विभाग के डॉ कौशल त्रिपाठी ने छात्रों को मीडिया क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न करियर के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को बताया कि जो भी छात्र मीडिया के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। वह इसके लिए किस प्रकार से तैयारी करें। उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश एवं संचालित पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।

इसके उपरांत छात्रों को मीडिया लैब का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया जिसमें छात्रों को स्टूडियो लाइट, टेलीप्रॉन्पटर, क्रोमा, कैमरा, ऑडियो-वीडियो एवं फोटोग्राफी इक्विपमेंट के बारे में जानकारी दी गई। छात्रों को स्टूडियो, प्रोडक्शन कंट्रोल रूम, पोस्ट प्रोडक्शन, रेडियो एवं फोटोग्राफी लैब एवं उपयोग में लाये जाने वाले विभिन्न उपकरणों के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। छात्रों को लाइव डेमोंसट्रेशन देने के उद्देश्य से ‘छात्रों के लिए मोबाइल के बेहतर उपयोग पर’ पर बीयु संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत चर्चा की गई।

केवीएस के शिक्षक राजेश कुमार ने बताया कि छात्रों के लिए स्कूल में मोबाइल लेकर आना प्रतिबंधित है साथ ही छात्रों को मोबाइल का कम से कम प्रयोग करने एवं आवश्यकता पड़ने पर कुछ देर के लिए प्रयोग करने की दिशा निर्देश दिए जाते रहते हैं। शिक्षिका नीलू गौतम ने बताया कि कोरोना के समय मोबाइल एक आवश्यकता बनकर उभरा, लेकिन साथ ही इसने छात्रों को इसका लती भी बनाया है। चर्चा के दौरान छात्रों ने बताया कि वे मनोरंजन के साथ-साथ सैंपल पेपर डाउनलोड करने, उन्हें सॉल्व करने, इसके अलावा महत्वपूर्ण विषय के वीडियो लेक्चर के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। एक छात्र ने मोबाइल पर खेले जाने वाले गेम्स एवं उनसे आंखों में हो रही परेशानियां पर बात रखी। छोटे बच्चों ने बताया कि वह खाना खाते समय मोबाइल देखते हैं। छात्रों से जब पूछा गया कि मोबाइल का प्रयोग कितनी देर तक करना चाहिए तो लगभग अधिकतर छात्रों ने दो घंटे पर सहमति दी।

चर्चा का संचालन डॉ कौशल त्रिपाठी, तकनीकी सहयोग गोविंद यादव, हिमांशु सैनी, अंकित पचौरी, सचिन सोनी, शैलेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर जनसंचार विभाग के समन्वयक डॉ.जय सिंह, डॉ राघवेंद्र दीक्षित डॉअभिषेक कुमार, उमेश शुक्ला, अतीत विजय उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित

   

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