बेंगलुरु में होगा अखिल भारतीय कला साधक संगम, मेरठ प्रांत से जाएंगे 40 प्रतिनिधि

मेरठ, 29 जनवरी (हि.स.)। एक से चार फरवरी तक बेंगलुरु में अखिल भारतीय कलासाधक संगम का आयोजन होने जा रहा है। इस संगम में देशभर से दो हजार से अधिक लोग भाग लेंगे। मेरठ प्रांत से भी 40 से अधिक प्रतिनिधि इस संगम में शामिल होंगे।

कार्यक्रम में तीन और चार फरवरी को आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत भी उपस्थित रहेंगे। श्रीश्री रविशंकर भी संगम में आएंगे। उद्घाटन कार्यक्रम में मैसूर राजवंश के राजा यदुवीर वाडियार, विजयनगर साम्राज्य के वंशज कृष्णदेवराय उपस्थित रहेंगे।

इस अवसर पर प्रख्यात लोक कलाकार पद्मश्री मंजम्मा जोगती, वरिष्ठ तबला वादक रविंद्र यावगल, इतिहासकार डॉ. विक्रम संपत भी रहेंगे।

कला एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र प्रमुख देवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कलासाधक संगम भारतीय कला दृष्टि में विश्वास रखने वाले कलासाधकों का एक समागम है। जो प्रायः तीन वर्ष के अंतराल पर देश के अलग-अलग स्थान पर आयोजित होता है। इसमें विभिन्न कला विधाओं की मंचीय प्रस्तुतियां व बौद्धिक संवाद-विमर्श के कार्य होते हैं। जिसके माध्यम से कार्यकर्ता, कलासाधक, कला रसिक व आमजन भारतीय कला दृष्टि के प्रति अपनी सोच विकसित करते हैं और साहित्य-कला-संस्कृति के माध्यम से मातृभूमि की आराधना में संलग्न होते हैं।

संस्कार भारती के मेरठ विभाग संयोजक डॉ. शीलवर्धन, महानगर अध्यक्ष डॉ. मयंक अग्रवाल और महानगर महामंत्री डॉ. दिशा दिनेश ने बताया कि इस बार बेंगलुरु में एक से चार फरवरी तक कलासाधक संगम होने जा रहा है। कलासाधक संगम में देश के सभी प्रान्तों व अलग-अलग हिस्सों से आए साहित्यकार व कलाकार कला और साहित्य के माध्यम से समरसता विषय के अंतर्गत आने वाले विभिन्न पहलुओं पर संदेश देंगे। अलग-अलग सत्रों में सेमिनार, मंचीय प्रस्तुतियों व प्रदर्शनियों की सहायता ली जाएगी। समरसता शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। देश के सभी प्रान्तों की शोभायात्राओं के साथ समरसता पर आधारित उत्तराखंड की प्रसिद्ध माँ नन्दा देवी राजजात यात्रा को शोभायात्रा को सम्मिलित किया गया है।

कला साधक संगम में लगेंगी प्रदर्शनियां

आयोजन में पेंटिंग, फोटोग्राफी, कैलीग्राफी व रंगोली की प्रदर्शनियां में लगाई जाएंगी तथा नॉर्थ ईस्ट के कलासाधक सामूहिक नृत्य प्रस्तुति देंगे। धार्मिक-सामाजिक आख्यान, नृत्य, गायन, वादन की भी प्रस्तुतियां होंगी।

भरतमुनि कला से कलासाधक होंगे सम्मानित

संस्कार भारती द्वारा दिये जाने वाले 'भरतमुनि कला' सम्मान समारोह में दृश्यकला एवं लोककला विधा के चयनित दो ख्यातिनाम कलासाधकों को सम्मानित करेंगे। जिसमें दृश्यकला विधा में मुंबई के चित्रकार विजय दशरथ आचरेकर व लोककला विधा में सिंधुदुर्ग के लोक कलाकार गणपत सखाराम मसगे को सम्मानित किया जाएगा। सम्मान के रूप में एक स्मृति चिह्न, सम्मान पत्र एवं एक लाख 51 हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। संस्कार भारती द्वारा दिया जानेवाला यह भरतमुनि कला सम्मान भारत में पंचम वेद के नाम से विख्यात नाट्य शास्त्र के रचियता महर्षि भरतमुनि को समर्पित है। वर्ष 2024 का भरतमुनि कला सम्मान मंचीय कला और साहित्य के क्षेत्र में दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/राजेश

   

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