डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाडा जिलों में सिलिकोसिस की रोकथाम को सैम्पलिंग में होगी वृद्धि

जयपुर, 30 जनवरी (हि.स.)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाडा आदि जिलों में सिलिकोसिस रोग की रोकथाम के लिए सैम्पलिंग की संख्या में वृद्धि की जाएगी। उन्होंने बताया कि डूंगरपुर जिले में वर्ष 2019 से 2023 तक 113 सिलिकोसिस पीड़ितों को पोर्टल द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान इस सम्बन्ध में सदस्य द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न पर जवाब दे रहे थे।

इससे पहले विधायक राजकुमार रोत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 से 2023 तक सिलिकोसिस बीमारी की पहचान के लिए 2 लाख 30 हजार 213 लोगों की सैंपलिंग की गई व 24 हजार 386 लोगों में सिलिकोसिस के लक्षण पाये गये।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सिलिकोसिस रोगी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा सिलिकोसिस नीति के तहत पुनर्वास सहायतार्थ 3 लाख रुपये, सिलिकोसिस रोगी की मृत्यु होने पर आश्रितों को 2 लाख रुपये एवं अन्तिम संस्कार हेतु 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। सिलिकोसिस रोगी को 1500 रुपये मासिक पेंशन भी दी जाती है।

सिंह ने बताया कि डूंगरपुर जिले में सिलिकोसिस मरीजों में से राज्य सरकार द्वारा 64 मरीजों को सिलिकोसिस (जीवित) सहायता के तहत भुगतान किया गया जिसमें से एक प्रकरण में 2 लाख रूपये एवं 63 प्रकरणों में 3 लाख रुपये प्रति पीड़ित (कुल 191 लाख) को भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि 49 प्रकरणों में 3 लाख रुपये प्रति पीडित (कुल 147 लाख) की भुगतान स्वीकृति आदेश जारी किये जा चुके हैं। उक्त 113 मरीजों में से 38 मरीजों को सिलिकोसिस पेंशन (1500 रुपये प्रति माह) दी जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने पेंशन से वंचित 75 प्रकरणों का ब्लॉकवार संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि पालनहार योजना के अंतर्गत 27 सिलिकोसिस पीडितों के 56 बच्चों को पालनहार सहायता (6 वर्ष तक के बच्चों को 750 रूपये प्रतिमाह, 6-18 वर्ष तक को 1500 रुपये प्रतिमाह एवं 2000 रुपये वार्षिक एकमुश्त राशि) दी जा रही है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सिलिकोसिस रोग की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए खान विभाग ने खानधारकों को सावधानी बरतने के लिए नियम बनाये हैं। खानों के नियमानुसार निरीक्षण के दौरान नियमों के उल्लंघन पर खानधारकों को नोटिस दिया जाता है। उन्होंने बताया कि नोटिस की नियत समयावधि पश्चात भी पालना नहीं की जाने पर खनन पट्टा लाईसेंस खण्डित करने का प्रावधान है। सिलिकोसिस बीमारी के मरीजों के उपचार के लिये मुआवजा देने के भी प्रावधान हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में भारत सरकार व राज्य सरकार के नियमों का विवरण सदन के पटल पर रखा।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

   

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