प्रयाग की पांच दिवसीय पंचकोशी परिक्रमा गुरुवार से

प्रयागराज, 31 जनवरी (हि.स.)। तीर्थराज प्रयाग की पांच दिवसीय पंचकोशी परिक्रमा पहली फरवरी यानी गुरुवार से प्रारम्भ होगी। पांच फरवरी को महर्षि भरद्वाज के अभिषेक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ परिक्रमा का समापन होगा।

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने बुधवार को यहां बताया कि काफी संख्या में संत-महात्मा और श्रद्धालु गुरुवार को लगभग 11 बजे पूर्वाह्न संगम तट से गंगा पूजन व आरती के साथ प्रयाग की पंचकोशी परिक्रमा का शुभारम्भ करेंगे।

उन्होंने बताया कि साधु-संतों और श्रद्धालुओं का समूह परिक्रमा के पहले दिन संगम से सीधे किला स्थित अक्षयवट का दर्शन-पूजन करने जायेगा। इसके बाद लेटे हुये हनुमान जी, संगम पुलिस चौकी के पास श्री दत्तात्रेय मंदिर एवं श्री शिवदत्त पुरी जी महाराज की समाधि का दर्शन व पूजन करेंगे फिर किला स्थित सरस्वती कूप का दर्शन व पूजन करके सभी लोग यमुना नदी किनारे स्थित श्री मौज गिरि महाराज के मंदिर पहुंचेंगे। पहले दिन की परिक्रमा में नगर में कल्याणी देवी स्थित सिद्ध पीठ माता ललिता देवी मंदिर, नगर से बाहर यमुना किनारे स्थित श्री बरखंडी महादेव जी और नगर में कृष्णा नगर, कीडगंज स्थित श्री राम जानकी मंदिर का दर्शन व पूजन होगा। देर शाम संगम वापस लौटकर आचमन व प्रार्थना के साथ प्रथम दिन की परिक्रमा का संगम स्थित श्री दत्तात्रेय शिविर में विश्राम होगा।

श्री महंत हरि गिरि के अनुसार शुक्रवार को द्वितीय दिवस की परिक्रमा फिर से संगम स्नान व पूजन के साथ प्रारम्भ होगी। दूसरे दिन साधु-संत व श्रद्धालु अरैल स्थित श्री शूलटंकेश्वर महादेव जी, अरैल स्थित आदि माधव जी तथा चक्र माधव जी इसके बाद सोमेश्वर महादेव जी फिर छिंवकी स्थित गदा माधव, ग्राम महेवा स्थित श्री भैरव जी का दर्शन व पूजन सम्पन्न करेंगे। शाम को संगम वापस लौटकर आचमन व प्रार्थना के साथ दूसरे दिन की परिक्रमा का संगम स्थित श्री दत्तात्रेय शिविर में विश्राम होगा।

इसी तरह तीसरे दिन की परिक्रमा भी शनिवार को संगम पूजन के साथ प्रारम्भ होगी। इस दिन साधु-संत यमुनापार में ग्राम लालापुर स्थित प्राचीन मनकामेश्वर महादेव जी, ग्राम बीकर में श्री पद्म माधव जी, ग्राम देवरिया स्थित सुजावन देव मंदिर और ग्राम पनासा में पर्णास मुनि के आश्रम में महर्षि वाल्मीकि, पर्णास ऋषि व ज्वाला देवी का दर्शन-पूजन करेंगे। बाद में संगम वापस लौटकर आचमन व प्रार्थना के साथ तीसरे दिन की परिक्रमा का संगम स्थित श्री दत्तात्रेय शिविर में विश्राम।

इसके बाद रविवार को चतुर्थ दिवस की परिक्रमा प्रारम्भ होगी। इस दिन गंगापार में झूंसी-प्रतिष्ठानपुरी स्थित समूद्रकूप एवं कल्पवृक्ष, झूंसी में ही श्री शंख माधव जी फिर ग्राम ककरा-दुबावल स्थित महर्षि दुर्वासा आश्रम, फाफामऊ स्थित पाण्डेश्वर महादेव, श्रृंगवेरपुर धाम में सीता कुण्ड एवं निषादराज स्थली, नगर में सलोरी स्थित श्री शेषनाथ भगवान, नागवासुकि भगवान एवं श्री असि माधव जी, दारागंज स्थित श्री वेणी माधव जी, श्री अलोपशंकरी माताजी एवं संगम स्थित श्री आदि माधव जी का दर्शन-पूजन करके चतुर्थ दिन की परिक्रमा का विश्राम होगा।

महंत हरि गिरि ने बताया कि पांचवें व अ्रतिम दिन सोमवार को संगम स्नान व पूजन के पश्चात् कलश में गंगा जल लेकर महर्षि भरद्वाज आश्रम तक शोभा यात्रा निकलेगी। वहां महर्षि भरद्वाज का जलाभिषेक होगा। शाम को संगम स्थित श्री दत्तात्रेय शिविर में सांस्कृतिक कार्यक्रम और महाप्रसाद के साथ पांच दिवसीय प्रयाग की पंचकोशी परिक्रमा का समापन होगा।

हिन्दुस्थान समाचार /पीएन द्विवेदी

   

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