छात्रों व पक्षी प्रेमियों ने लिया नेचर ट्रेल एवं बर्ड वॉचिंग का आनंद

छात्रों को प्रमाण पत्र दिया गया छात्रों को प्रमाण पत्र दिया गया छात्रों को प्रमाण पत्र दिया गया

- शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान के वेटलैंड में नेचर ट्रेल एवं बर्ड वॉचिंग आयोजित

गोरखपुर, 02 फरवरी (हि.स.)। विश्व आद्रभूमि दिवस पर शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान में नेचर ट्रेल एवं बर्ड वॉचिंग का आनंद उठाने काफी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं पहुंचे। उन्होंने प्राणी उद्यान के भ्रमण के साथ ही, परिसर में स्थित वेटलैंड में नेचर ट्रेल एवं बर्ड वॉचिंग का आनंद भी उठाया। अप्रत्याशित रूप से आयोजित हुए क्विज में सवालों के जवाब दिए। बदले में प्रमाण पत्र भी हासिल किए।

विश्व आद्रभूमि पर नेचर ट्रेल एवं बर्ड वॉचिंग, शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान, गोरखपुर वन विभाग, हेरिटेज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित था। गोरखपुर वन प्रभाग से आए उप प्रभागीय वनाधिकारी हरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विश्व वेटलैंड्स दिवस 2024 की विषयवस्तु ‘आर्द्रभूमि व मानव कल्याण’अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने छात्रों से अपील किया कि वे वेटलैंड और नदियों के जल को स्वच्छ एवं प्रदूषित होने से बचाएं।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि वेटलैंड सर्वाधिक उपयोगी पारिस्थितिकी तंत्र होने के साथ ही विभिन्न खाद्य पदार्थों, व्यापार के लिए सामग्री व ईको पर्यटन सहित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय समुदाय को रोजगार उपलब्ध कराते हैं। छात्रों को राज्य पक्षी सारस, राज्य जलीय जीव डॉल्फिन, राज्य पशु बारहसिंगा और प्रवासीय पक्षियों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वेटलैंड ऐसे पशुओं एवं पक्षियों के वास स्थल हैं जिनकी सुरक्षा सभी को करनी चाहिए।

हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका गोरखपुर रत्न से सम्मानित डॉ अनिता अग्रवाल ने सभी को प्रकृति एवं वेटलैंड की सुरक्षा का संकल्प दिलाया। आखिर में महान संत कबीर दास की लिखी पक्तियां पढ़,‘डाली छेड़ूँ न पत्ता छेड़ूँ, न कोई जीव सताऊँ। पात-पात में प्रभु बसत है, वही को सीस नवाऊं।।’ इस दौरान उन्होंने संपूर्ण समाज का उत्तरदायित्व बताते हुए कहा कि अपनी आवश्यकताएं सीमित रखते हुए पर्यावरण के अनुकूल दिनचर्या बनाये और वेटलैंड्स को सुरक्षित रखने में योगदान दें। रेंजर ज्ञानेंद्र राय, गौरव कुमार वर्मा, दिनेश चौरसिया, रोहित सिंह, डॉ रवि यादव, अल्पाइन से अमृता राव, गोरखपुर बर्ड सोसाइटी से अमर ज्वॉय सिंह, वी फॉर एनिमल से नीतिन अग्रवाल, ईश्वर प्रिटर्स के राबिन समेत काफी संख्या में पक्षी प्रेमी भी उपस्थित रहे।

ये पक्षी दिखाई दिए

डब्ल्यूआईआई की पक्षी विशेषज्ञ आशिका ने बताया कि प्राणी उद्यान के वेटलैंड में किंगफिशर, जकाना, गेडवॉल, नॉर्थर्न पिनटेल, फेरुजिनस डक, लेसर व्हिस्लिंग डक, यूरेशियन कूट या कामनकूट और लिटिल ग्रेब, स्पॉट बिल्ड डक, चील, नाइट हैरॉन, लेसर कार्मोरेंट, कैटल इग्रीट दिखीं। उन्होंने छात्रों को उनकी पहचान के तरीके के बारे में भी समझाया।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. आमोदकांत /बृजनंदन

   

सम्बंधित खबर