मप्रः विश्व कैंसर दिवस पर स्वास्थ्य संस्थाओं में आयोजित हुए जागरूकता शिविर

- जिला चिकित्सालय में हुई मुख, स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग

भोपाल, 3 फरवरी (हि.स.)। विश्व कैंसर दिवस पर शनिवार को स्वास्थ्य संस्थाओं में कैंसर जागरूकता एवं परामर्श शिविरों का आयोजन किया गया। जागरूकता शिविरों में मुख, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर तथा अन्य कैंसर के लक्षणों की जानकारी दी गई। कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को जिला चिकित्सालय में महिलाओं के लिए विशेष रूप से आयोजित स्क्रीनिंग एवं परामर्श शिविर में 34 महिलाओं की जांच की गई, जिसमें दो महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण पाए गए हैं। सर्वाइकल कैंसर के लिए 3 महिलाओं की वीआईए जांच की गई। सभी परिणाम नेगेटिव पाए गए हैं। दंत रोग विभाग में आयोजित मुख कैंसर परीक्षण शिविर में 2 मरीजों में सबम्यूकस फाइब्रोसिस पाया गया है।

शिविर में चिह्नांकित किए गए रोगियों को उपचार एवं नियमित फॉलोअप की सलाह दी गई है। एक मरीज को ओरल कीमोथेरेपी दी गई है। मरीजों को आवश्यकता होने पर सर्जरी एवं रेडियोथैरेपी मेडिकल कॉलेज में करवाई जायेगी। जिला चिकित्सालय में महिलाओं के लिए आयोजित विशेष शिविर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.आभा जेसानी, डॉ. प्रीति देवपुजारी एवं कैंसर नोडल अधिकारी व वरिष्ठ सर्जन डॉ. यूडी सक्सेना ने स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी दी।

स्त्री रोग विशेषज्ञों ने बताया कि लक्षणों की पहचान के लिए महिलाओं को नियमित रूप से अपने स्तनों की जांच स्वयं करनी चाहिए। स्तनों के आकार में बदलाव, गांठ, स्तन के आगे के भाग या उसके आसपास लाल चकत्ते, स्तन या कांख में निरंतर दर्द होना, स्तनों की त्वचा पर झुर्रियां दिखाई देने पर नजदीकी स्वास्थ्य संस्था में परामर्श लेना आवश्यक है। गर्भाशय कैंसर का खतरा 40 की उम्र के बाद अधिक होता है। छोटी उम्र में विवाह, मेनोपॉज के बाद रक्तस्राव, प्रसव के दौरान गर्भाशय में किसी प्रकार का घाव होना और घाव के ठीक होने के पहले पुनः गर्भधारण होने पर सर्वाइकल या गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

कैंसर जागरूकता एवं लक्षणों की जानकारी के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में पदस्थ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर द्वारा विशेष परामर्श सत्र आयोजित किए गए। जिसमें मुख कैंसर, स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों की जानकारी प्रश्नोत्तरी एवं सेल्फ एसेसमेंट टूल के माध्यम से दी गई। ई संजीवनी टेलीमेडिसिन के माध्यम से हब एंड स्पॉक मॉडल के तहत 56 आरोग्य मंदिरों में 182 हितग्राहियों को जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई परामर्श दिया गया। आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में तंबाकू के दुष्प्रभावों एवं कैंसर जागरूकता हेतु प्रश्नोत्तरी, रैली निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि कैंसर रोग में शरीर की कोशिकाओं के समूह में अनियंत्रित रूप से वृद्धि होती है। जब यह कोशिकाएं टिशु को प्रभावित करती है तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर की जल्दी पहचान और उपचार से कैंसर ठीक हो सकता है। असामान्य रक्तस्राव, न भरने वाले घाव, स्तन के आकार में परिवर्तन होना, स्तन में गठान होना, मुंह खोलने जबड़े हिलाने या निगलने में कठिनाई होना, योनि से असामान्य खून का बहना जैसे लक्षण दिखने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना जरूरी है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं। जैसे स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, मुंह या गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, ब्रेन कैंसर। धूम्रपान, तंबाकू चबाना, मोटापा, शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना, शराब का उपयोग करने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।

जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कैंसर रोग की स्क्रीनिंग की जा रही है। मरीज में कैंसर के संभावित लक्षण देखने पर असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत नि:शुल्क उपचार दिया जाता है। मुख कैंसर, स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर की जांच और उपचार की सुविधा स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क उपलब्ध है । जांच के आधार पर मरीजों की जानकारी एनसीडी पोर्टल में दर्ज की जाती है। भोपाल में स्तन कैंसर के लिए लगभग 90 हजार महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई है। जिनमें से 488 महिलाओं में स्तन कैंसर पाया गया है। सर्वाइकल कैंसर के लिए 50609 महिलाओं की स्क्रीनिंग की गई है। वीआईए परीक्षण उपरांत 1392 महिलाओं में गर्भाशय कैंसर पाया गया है। इसी प्रकार लगभग 2 लाख लोगों ओरल कैंसर स्क्रीनिंग की गई है। जिनमें से 182 लोगों में ओरल कैंसर पाया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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