प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को लेकर संबंधित विभाग के ज़िला अधिकारियों की बैठक

आवेदकों के पारंपरिक कौशल को निखारने के लिए कौशल प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना बनाये : कलेक्टर

बेमेतरा, 4 फ़रवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों के निराकरण को लेकर संबंधित विभाग के ज़िला अधिकारियों की बैठक रविवार को कलेक्टर रणबीर शर्मा ने ली। बैठक में उन्होंने योजना अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों के निराकरण और पंजीयन करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की स्थिति की जानकारी लेते हुए प्राथमिकता के साथ इस कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीईओ जनपद से समन्वय कर पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस संबंध सहयोग लिया जाए।

कलेक्टर ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की स्थिति की जानकारी लेते हुए प्राथमिकता के साथ इस कार्य को पूर्ण करने को कहा। ज़िला महाप्रबंधक उधोग निकुंज ने नगरीय निकायों और, विकासखण्ड स्तर प्राप्त आवेदन की जानकारी दी। कलेक्टर ने 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय के लिए प्राप्त आवेदनों को ट्रेडवाईस वर्गीकरण करने को कहा। साथ ही आवेदकों के पारंपरिक कौशल को निखारने के लिए कौशल प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने लीड बैंक मैनेजर को बैंकर्स को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की जानकारी दिए जाने की बात कही।

ज़िला महाप्रबंधक उधोग ने बताया किए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत जिले के पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े शिल्पकारों एवं कारीगरों का पंजीयन ग्राहक सेवा केन्द्र (सीएससी सेंटर) के माध्यम से किया जा रहा है। पंजीयन उपरांत उन्हें परम्परागत व्यवसायों के लिए प्रशिक्षण, अनुदान एवं ऋण से लाभान्वित किया जाएगा। योजना के तहत ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में स्थित ग्राहक सेवा केन्द्रों में जाकर पंजीयन किया जा रहा है। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे ऋण लेकर कारोबार शुरू कर सकते हैं। इस अवसर पर सीईओ ज़िला पंचायत लीना मंडावी,सहायक संचालक लाइवलीहुड ज़िला, श्रम अधिकारी,लीड बैंक मैनेजर, सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने योजनान्तर्गत पात्र हितग्राहियों को अधिकाधिक आवेदन के लिए प्रेरित किया जावे।उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के सरपंचों का सहयोग इस योजना में लिया जाए,ताकि आवेदन त्रुटि रहित हो। साथ ही प्रतिदिन आवेदनों का समय पर संशोधन किया जावे। उन्होंने कहा कि जिन ग्राम पंचायतों में आवेदनों की संख्या कम में प्राप्त हुई, वहां विभिन्न प्रचार माध्यमों के ज़रिए प्रचार -प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की जानकारी प्रदान करके ग्रामीणों को जुड़ाव के लिए जागरूक करें।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य अपने हाथों और औजारों की मदद से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करना है। इस योजना में 18 व्यवसायों जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, लोहार; हथौड़ा और टूल किट निर्माता,ताला बनाने वाला, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला),पत्थर तोड़ने वाला, मोची / जूता कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी / चटाई / झाड़ू निर्माता / कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल निर्माण में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल

   

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