रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का असम विधानसभा में स्वागत

गुवाहाटी, 05 फरवरी (हि.स.)। असम विधानसभा के बजट कालीन सत्र के पहले दिन आज गत 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की हुई प्राण-प्रतिष्ठा का स्वागत किया गया। विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने रामायण और महाभारत को सर्वोपरि ग्रंथ बताते हुए सदन में कहा कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पूरे देश के साथ-साथ असम के लिए सौभाग्य का विषय है। असम विधानसभा इसका स्वागत करता है। अध्यक्ष के इस मंतव्य पर पूरे सदन में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। अध्यक्ष ने चंद्रयान मिशन तथा आदित्य एल वन मिशन की सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों तथा अभियंताओं को बधाई दी।

अध्यक्ष ने 44 वर्षों तक संघर्ष करने वाले यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असम (उल्फा) के सदस्यों द्वारा संघर्ष विराम के बाद शांति समझौता एवं संगठन को भंग करने के लिए उनको धन्यवाद् दिया। इस दौरान अध्यक्ष ने जी20 की छह बैठकें असम में होने तथा देश भर में इसके सफल क्रियान्वयन के लिए बधाई दी। विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य के तीन प्रमुख हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने तथा तीन लोगों को साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त करने के लिए बधाई दी। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को असम वैभव सम्मान समेत कुल 22 लोगों को असम वैभव, असम सौरभ एवं असम गौरव सम्मान प्राप्त करने के लिए बधाइयां दी।

हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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