किसानों के लिए फ्री बिजली योजना की स्पष्ट न होने पर उपभोक्ता परिषद ने कहा, किसान दोराहे पर
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- Feb 05, 2024
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लखनऊ, 05 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार का बजट से ऊर्जा क्षेत्र के लिए भारी निराशा है। इससे किसानों में नाराजगी बढ़ेगी। प्रदेश सरकार ने आज तक फ्री बिजली योजना के आदेश का क्रियान्वयन नहीं किया। फ्री की जगह इस वर्ष रियायत की बात की गयी है। यह प्रतिक्रिया उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने दी है।
बजट पर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले किसानों के निजी नलकूप को 50 प्रतिशत की छूट और इसके बाद फ्री का ऐलान किया गया था, लेकिन बजट में वह कुछ नहीं मिला। अब बजट में रियायत दर पर ऐलान से किसान अपने को दोराहे पर खड़ा पा रहा है। इसलिए सरकार को स्पष्ट रूप से फ्री बिजली का ऐलान करना चाहिए।
बजट में ऊर्जा क्षेत्र को भारी निराशा हुई है। उपभोक्ता आज असमंजस में वर्ष 2022-23 से लेकर वर्ष 2024-25 के बजट में आपस में ही है। अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री द्वारा जो बजट पेश किया गया। उसमें ऊर्जा क्षेत्र को भारी निराशा हाथ लगी है। सबसे बड़ा चौकाने वाला मामला यह है कि वर्ष 2022-23 में ऊर्जा क्षेत्र में किसानों के लिए 50 प्रतिशत निजी नलकूप पर छूट लागू की गई। कहा गया था कि वर्ष 2023- 24 में किसानों को 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। यानी की एक अप्रैल 2023 से किसानों की बिजली फ्री रहेगी। इस बार 2024-25 के बजट में यह लिखा गया है कि किसानों के निजी नलकूप के लिए रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1800 करोड़ रूपया की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने सवाल किया कि वर्ष 2023 -24 में किसानों को फ्री बिजली का लाभ आज तक नहीं मिला और अब रियायत दर पर बिजली का ऐलान किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार स्पष्ट करें कि फ्री बिजली लागू होगी? या फिर किसानों के लिए रियायत दर पर सब मिलाकर ऊर्जा क्षेत्र के वर्ष 2023 -24 व 2024-25 के बजट से किसान पूरी तरीके से दो रहे पर खडा है कि उसके लिए कौन सी योजना लागू हो रही है वास्तव में जो भी योजना सरकार लागू कर रही है उसे स्पष्ट करें जिससे किसान अपने बजट के अनुसार अपने विद्युत बिल की व्यवस्था करें।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पूरे देश में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति लागू हो गई है और रोस्टर खत्म हो गया। इस बजट में इस संबंध में कोई भी योजना का क्रियान्वन हेतु कोई व्यवस्था प्रस्तावित नहीं की गई। गर्मी में लगातार विद्युत आपूर्ति हेतु रुपया 2000 करोड़ की व्यवस्था से थोड़ा बहुत गर्मी में उपभोक्ताओं को सुचारू विद्युत आपूर्ति मिल सकती है लेकिन वह भी बहुत कम है। पीएम कुसुम योजना हेतु सरकार द्वारा जो रुपया 449 करोड़ का बजट में प्रावधान किया गया है ।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/मोहित