मप्र विधानसभा का बजट सत्र आज से, राज्यपाल के अभिभाषण से होगी शुरुआत

भोपाल, 7 फरवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा का दूसरा सत्र (बजट सत्र) आज (बुधवार) से प्रारंभ हो रहा है। सत्र की शुरुआत राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण होगी। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि 19 फरवरी 2024 तक चलने वाले इस सत्र में कुल नौ बैठकें होगी। इस सत्र के लिए अब तक चार स्थगन, 259 ध्यानाकर्षण, 58 शून्यकाल, नियम 139 के तहत चार सूचनाएं, 12 अशासकीय संकल्प, 2302 प्रश्न प्राप्त हुए हैं।

दरअसल, इस सत्र में 12 फवरी को डॉ. मोहन यादव की सरकार वर्ष 2024-25 के लिए लेखानुदान और 2023-24 के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। इस सत्र में सरकार अपनी योजना का अनुमानित खर्च बताएगी। इसमें बजट पेश नहीं किया जाएगा। लेखानुदान अप्रैल से जुलाई 2024 का होगा। इसके एक लाख करोड़ से ज्यादा का होने का अनुमान है।

विधानसभा का सत्र हंगामेदार होने के आसार है। कांग्रेस ने कानून व्यवस्था से लेकर भर्ती परीक्षाओं के अब तक रिजल्ट नहीं आने, पेपर लीक मामला, लाड़ली बहनों को गैस सिलेंडर नहीं मिलने और धान पर बोनस की घोषणा आदि मुद्दों पर विधानसभा में भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पास के विभागों के सवालों के जवाब देने की जिम्मेदारी सात मंत्रियों को सौंपी है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई कि इस सत्र में सार्थक चर्चा होगी और प्रदेश के विकास व जन कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।

विधानसभा भवन के आसपास के क्षेत्रों में धारा 144 लागू

भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान आज से आगामी 19 फरवरी तक दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए विधानसभा भवन के आसपास के क्षेत्रों में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।

इस दौरान किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पांच या इससे अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं होंगे। इस प्रकार एकत्रित भीड़ गैर कानूनी भीड़ समझी जाएगी। कोई व्यक्ति किसी जुलूस/प्रदर्शन का न तो निर्देशन करेगा और न उसमें भाग लेगा और न ही कोई सभा आयोजित करेगा। 1.2/ कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर शस्त्र, लाठी, डण्डा, भाला, पत्थर, चाकू, अन्य धारदार हथियार या आग्नेय शस्त्र साथ लेकर नहीं चलेगा।

इस आदेश के प्रभावशील रहने की अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित क्षेत्रों में आम सभा, पुतला दहन, धरना प्रदर्शन, आंदोलन, रैली नहीं करेगा। यह आदेश विवाह समारोह, बारात तथा शवयात्रा पर प्रभावशील नहीं रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति भा० द० वि० की धारा 188 के अंतर्गत दण्ड के भागी होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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