बीमारियों के निदान में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका : प्रो. राजेश पांडेय

एफडीपी में बोलते प्रो. राजेश पांडेयएफडीपी में बोलते प्रो. राजेश पांडेय

मेरठ, 07 फरवरी (हि.स.)। इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी दिल्ली के प्रमुख वैज्ञानिक प्रो. राजेश पांडेय ने कहा कि कोरोना जैसी बीमारियों के निदान में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में माइक्रोबायोलॉजिस्ट को अपना कार्य पूरी गम्भीरता से करना होगा।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में चल रही सात दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन बुधवार को मुख्य अतिथि प्रो. राजेश पांडेय का विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जितेंद्र सिंह एवं डॉ. लक्ष्मण नागर ने स्वागत किया। प्रो. राजेश पांडेय ने बीमारियों के निदान में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस जैसी महामारी का नियंत्रण में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण रही है। इन वैज्ञानिकों ने वायरस संक्रमण अद्वितीय अनुसंधान करके उनके निदान के नए उपायों की खोज की। माइक्रोबायोलॉजिस्ट का अद्वितीय ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण ही हमें इन महामारियों के खिलाफ लड़ने में सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। उनके अनुसंधान और उत्पादन से नई दवाओं और टीकाकरण का विकास होता है, जो समाज के स्वास्थ्य की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान करता है। उनकी निरंतर निगरानी और वायरस के मुख्य गुणों की समझ वायरस के फैलाव को रोकने में मदद करती है। ऐसे में माइक्रोबायोलॉजिस्टों की भूमिका समाज के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रोफेसर जितेंद्र के अनुसार, सूक्ष्म जीव जीवमंडल में सर्वव्यापी हैं और उनकी उपस्थिति हमेशा उस वातावरण को प्रभावित करती है जिसमें वे बढ़ते हैं। इस व्याख्यान में विभाग के शिक्षक डॉ. अंजली मालिक, डॉ. दिनेश पवार, डॉ. शशांक राणा, डॉ. कपिल स्वामी, डॉ. अश्विनी शर्मा आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/विद्याकांत

   

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