दिशाहीन है बजट, लोकसभा के लिए केवल लोक लुभावना दावे कर रही है कंगाल ममता सरकार - शुभेंदु

कोलकाता, 08 फरवरी (हि.स.)। गुरुवार को राज्य विधानसभा में अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया गया। सत्र के बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बजट की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह बजट दिशाहीन है। ममता बनर्जी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले लोगों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है।

शुभेंदु ने कहा कि यह बजट चुनावी प्रचार के अलावा कुछ नहीं है। बेरोजगारों को रोजगार, विभिन्न रिक्तियों में रोजगार, औद्योगिक व्यापार वातावरण के मामले में राज्य की प्रगति की कोई दिशा नहीं है। लेकिन असम में राज्य सरकार की योजना के तहत महिलाओं को दो हजार 500 रुपये दिए जाते हैं। मध्य प्रदेश में महिलाओं को अच्छी राशि मिलती है लेकिन बंगाल की महिलाओं को 500 से एक हजार रुपये की भीख मिल रही है।

आदिवासी महिलाओं को अतिरिक्त राशि देने के ममता सरकार की घोषणा पर शुभेंदु ने कहा कि यह उनका अपमान है। उन्हें सामान्य वर्ग की महिलाओं से दोगुना पैसा मिलने की उम्मीद है। 200 रुपये बढ़ाकर उनका अपमान किया गया है।

बजट में सिविक वॉलंटियर्स के भत्ते में भी बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। उस संदर्भ में, शुभेंदु ने कहा कि सिर्फ नौ हजार रुपये के बदले में सिविक वॉलेंटियर को पुलिस के समान काम दिया जाता है। आज वे एक हजार रुपये बढ़ाकर वोट खरीदना चाहते हैं। 2012 के बाद से एक भी रुपया नहीं बढ़ाया गया है। भाजपा समान काम में समान वेतन की अवधारणा में विश्वास करती है। हमारा मानना है कि नागरिक स्वयंसेवकों को न्यूनतम 20 हजार रुपये वेतन मिलना चाहिए।

बजट में क्या नहीं है, इस पर शुभेंदु ने कहा कि इस बजट में रिक्त पदों पर नियुक्ति की कोई स्पष्ट योजना नहीं है। यहां पहाड़ियां, जंगल महल, सुंदरवन उपेक्षित हैं। बजट में किसानों के लिए ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। विभिन्न क्षेत्रों में अंशकालिक काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं, पंचायतों में टैक्स कलेक्टरों के लिए बजट में कोई वृद्धि की घोषणा नहीं की गई है। सरकार बजट में उद्योग जगत को कोई दिशा नहीं दिखा सकी।

विपक्षी नेता ने दावा किया कि इस बजट में चाय श्रमिकों को वंचित किया गया है। इस बजट में गलत बयानबाजी है। वोट से पहले झूठ बोला गया। सरकार केवल भत्ता बढ़ाकर वोट खरीदने का प्रयास कर रही है। राज्य जो भी घोषणा कर रहा है, उसके बावजूद राज्य और केंद्र के डीए के बीच कम से कम 40 प्रतिशत का अंतर होगा। वह भी बढ़ा हुआ डीए चुनाव के बाद उनके (ममता ) द्वारा दिया जाएगा।

शुभेंदु ने यह भी कहा कि बजट में पेट्रोल-डीजल पर किसी छूट का जिक्र नहीं है। एलपीजी सिलेंडर पर राज्य 300 रुपये का टैक्स लगाता है। राजस्थान ने 200 रुपये की छूट दी है। हमने सोचा था कि राज्य सरकार सिलेंडर पर कुछ रियायत देगी, हालांकि कुछ नहीं दिया।

विपक्षी दल के नेता ने इस बात पर व्यंग्य किया कि बजट में अल्पसंख्यकों के लिए भी कोई आवंटन नहीं है। जिन अल्पसंख्यकों ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में वोट दिया, उनके विकास के लिए बजट में कोई घोषणा नहीं है। उनके अंगूठे दिखाए गए हैं। इस बजट में आदिवासियों, लेप्चा, भूटिया की भी उपेक्षा की गई है। बजट में अस्पतालों और शिक्षा के लिए कोई आवंटन नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बजट में आय और व्यय के बीच कोई संतुलन नहीं है। शुभेंदु ने यह भी कहा कि वह इस बजट के खोखलेपन को विधानसभा में उजागर करने का प्रयास करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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