घर में छोटी दुकान चलाने वालों को बिजली विभाग से परेशान, उपभोक्ता परिषद ने दाखिल की याचिका

लखनऊ, 09 फरवरी (हि.स.)। अपने घर में छोटी-छोटी दुकान चलाकर आजीविका चलाने वाले लोगों को बिजली विभाग द्वारा अभियान चलाकर वाणिज्यिक बिजली देने के खिलाफ राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आपत्ति दर्ज करायी है। इस संबंध में शुक्रवार को उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में जनहित प्रस्ताव की याचिका दाखिल की।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आयोग के चैयरमैन अरविंद कुमार व मेंबर लीगल बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर गरीबों की व्यथा को बताया। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अपनी जीविका चलाने के लिए मजबूरी में छोटी-छोटी दुकान चलाते हैं। उन्हें बिजली कंपनियों के कार्मिक परेशान करते हैं और उन पर बड़े पैमाने पर राजस्व निर्धारण किया जा रहा है।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग को पूर्व में उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर बिजली कंपनियों द्वारा जवाब दाखिल किया गया, जिसमें 2 किलो वाट 200 यूनिट तक बिजली कंपनियों ने घरेलू विधा में बिजली कनेक्शन देने पर सहमति जताई थी। उसका वर्तमान में पालन नहीं किया जा रहा है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि वर्तमान में 20 से 25 लाख घरेलू विद्युत उपभोक्ता ऐसे हैं, जो अपनी जीविका चलाने के लिए अपने घर के आंशिक भाग में घरेलू कनेक्शन से ही छोटी दुकान चलाते हैं। उन्हें वर्तमान में बिजली विभाग द्वारा परेशान किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य लीगल बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर एक जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए वर्तमान लागू व्यवस्था में परिवर्तन करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्र में 2 किलो वाट तक के ऐसे सभी विद्युत उपभोक्ता जो अपनी जीविका चलाने के लिए अपने घरों में छोटी-मोटी दुकान खोलकर काम चला रहे हैं, उन्हें घरेलू विद्या की अनुमति दी जाए। उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के राजस्व निर्धारण की कार्रवाई न की जाए, क्योंकि वर्ष 2019 में उपभोक्ता परिषद ने एक प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग के सामने प्रस्तुत किया था और कहा था कि ऐसे ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं पर राजस्व निर्धारण ना करके प्रावधान में शिथिलता बरती जाए।

उन्हें घरेलू उपभोक्ता माना जाए जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से रिपोर्ट तलब की थी जिस पर बिजली कंपनियों की तरफ से पावर कॉरपोरेशन द्वारा यह जवाब दाखिल किया गया था कि 2 किलो वाट 200 यूनिट तक ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे विद्युत उपभोक्ताओं को घरेलू विद्या में कुछ शर्तों के साथ रखा जा सकता है। इस पर पावर कारपोरेशन को आपत्ति नहीं होगी, जिस पर अंतत निर्णय नहीं हो पाया था। वह जवाब भी उपभोक्ता परिषद ने अपने प्रस्ताव के साथ नियामक आयोग को सौंप है।

विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य लीगल बीके श्रीवास्तव ने उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर नियमों की परिधि में कार्यवाही का भरोसा दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/मोहित

   

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