विश्व यूनानी दिवस: स्वस्थ और रोगमुक्त जीवन की राह आसान बनाएगी यूनानी चिकित्सा पद्धति

- सदियों पुरानी सर्वसमावेशी चिकित्सा पद्धति का उठाएं लाभ

मीरजापुर, 09 फरवरी (हि.स.)। भारत की प्राचीन संस्कृति योग हो या आयुर्वेद इसका कोई जोड़ नहीं है। वैसे ही यूनानी चिकित्सा पद्धति भी है। विश्व की सबसे पुरानी उपचार पद्धतियों में से एक यूनानी चिकित्सा स्वास्थ्य प्रणाली की पूरक है। भारत में इसका लम्बा और शानदार रिकार्ड रहा है। विदेशों में भी यूनानी चिकित्सा को लोकप्रिय बनाने की दिशा में प्रयास जारी है। आगामी 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस भी है।

यूनानी चिकित्सा पद्धति के बारे में-

यूनानी चिकित्सा पद्धति में बीमारियों की जांच नब्ज टटोल कर और मल-मूत्र की जांच के उपरांत की जाती है। यूनानी चिकित्सा मानव जाति को स्वस्थ और रोगमुक्त बनाने के लिए सदियों से प्रयासरत है, ताकि मनुष्य न्यूनतम या शून्य बीमारी के साथ एक स्वस्थ जीवन जी सके। यह पूरी तरह से समग्र दृष्टिकोण पर आधारित है। इस पद्धति में न सिर्फ रोग का इलाज किया जाता है, बल्कि रोगों से बचने के लिए शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाई जाए यह भी बताया गया है। यूनानी चिकित्सा का मानना है कि मनुष्य का स्वास्थ्य आसपास के वातावरण से भी प्रभावित होता है। ऐसे में मानव जाति और उसके वातावरण में संतुलन बनाना जरूरी है। हवा, खाद्य और पेय पदार्थ, शारीरिक हरकत और आराम, मानसिक हरकत व आराम, सोना और जागना, निकास और प्रतिधारण से मनुष्य स्वस्थ और रोगग्रस्त रहता है। यूनानी चिकित्सा पद्धति स्वास्थ्य देखभाल का एक अभिन्न हिस्सा है। जरूरत है कि इसकी पहुंच जमीनी स्तर तक आसान बनाई जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग इस व्यापक और सर्वसमावेशी चिकित्सा पद्धति का लाभ उठा सकें।

यूनानी दिवस पर होगा भव्य आयोजन

यूनानी दिवस मनाए जाने के दृष्टिगत तैयारी को लेकर मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। वहीं यूनानी अधिकारी डा. जितेंद्र ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। आगामी 11 फरवरी को सिटी क्लब में यूनानी दिवस पर भव्य कार्यक्रम होगा। यूनानी चिकित्सक आयुर्वेद के बारे में लोगों को जानकारी देंगे।

छात्रों को यूनानी चिकित्सा व औषधि के गुण बताएंगे विशेषज्ञ

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि 10 फरवरी को जनपद के सभी कालेजों में विशेषज्ञ सेमिनार के माध्यम से छात्रों को यूनानी औषधि के बारे में बताएंगे। साथ ही पीपीटी बनाकर प्रोजेक्टर के माध्यम से यूनानी दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे और यूनानी पद्धति से कैसे उपचार किया जा सकता है, इसके बारे में भी बताएंगे।

अस्पतालों व कालेजों में बनेगी हर्बल वाटिका

मुख्य विकास अधिकारी ने सभी यूनानी अस्पतालों में एक हर्बल वाटिका बनाने का निर्देश दिया। कहा कि हार्बल वाटिका में अश्वगंधा, आवंला, तुलसी, एलोबेरा, गिलोय आदि लगाएं। जिला विद्यालय निरीक्षक अमरनाथ सिंह को निर्देशित किया कि कालेजों में भी आयुष वाटिका का निर्माण कराएं।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/बृजनंदन

   

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