पंडित दीनदयाल के आदर्श हमारे प्रेरणश्रोत बने रहेंगे : कोचे मुंडा

-पुण्यतिथि पर विधायक ने ग्रामीणों के साथ दी पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि

खूंटी, 11 फ़रवरी (हि.स.)। एकात्मक मानववाद के प्रणेता और विलक्षण प्रतिभा के धनी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर रविवार को जिले भर के कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को नमन किया।

तोरपा के विधायक कोचे मुंडा ने ग्रामीणों के साथ अपने पैतृक गांव ममरला के बूथ नंबर 82 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। मौके पर विधायक ने कहा कि 1937 में जब वह कानपुर से स्नातक कर थे, अपने सहपाठी बालूजी महाशब्दे की प्रेरणा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आये। संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार का सान्निध्य कानपुर में ही मिला।

उपाध्याय ने पढ़ाई पूरी होने के बाद संघ का दो वर्षों का प्रशिक्षण पूर्ण किया और संघ के जीवनव्रती प्रचारक हो गये और आजीवन संघ के प्रचारक रहे। संघ के माध्यम से ही उपाध्यायजी राजनीति में आये। 21 अक्टूबर 1951 को डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई। गुरुजी (गोलवलकर जी) की प्रेरणा इसमें निहित थी। 1952 में इसका प्रथम अधिवेशन कानपुर में हुआ। उपाध्याय जी इस दल के महामंत्री बने। इस अधिवेशन में पारित 15 प्रस्तावों में से सात उपाध्याय ने प्रस्तुत किये। डॉ मुखर्जी ने उनकी कार्यकुशलता और क्षमता से प्रभावित होकर कहा था कि यदि मुझे दो दीनदयाल मिल जाएं, तो मैं भारतीय राजनीति का नक्शा बदल दूं। विधायक ने बताया कि 1967 में कालीकट अधिवेशन में उपाध्याय जी भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वह मात्र 43 दिन जनसंघ के अध्यक्ष रहे और 11 फरवरी 1968 की रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उनकी हत्या कर दी गई। विधायक ने कहा कि पंडितजी के आदर्श हमेशा हमारे प्रेरणास्रोत हैं।

गांव में चलाया जनसंपर्क अभियान

पडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद विधायक कोचे मुंडा ने पतरायुर गांव कें 80 घरों में जनसंपर्क अभियान चलाया और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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