अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति की सेवा से होगा अंत्योदय का सपना साकार : डॉ आशीष गौतम

--मुविवि में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रद्धासुमन दिवस का आयोजन

प्रयागराज, 12 फरवरी (हि.स.)। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का अंत्योदय एवं राष्ट्र उन्नयन विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ आशीष गौतम ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय का सपना तभी साकार होगा जब समाज में सबसे निचले एवं अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का सम्मान होगा। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय एवं दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रद्धासुमन दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सह व्याख्यान का आयोजन सोमवार को मुक्त विश्वविद्यालय के तिलक सभागार में किया गया।

मुख्य अतिथि दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार के अध्यक्ष डॉ आशीष गौतम ने बताया कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन विगत 27 वर्षों से कुष्ठ रोगियों की सेवा के उद्देश्य से कार्य कर रहा है। कुष्ठ रोगी समाज के अंतिम पायदान पर है। उन्होंने कहा कि सभी के जीवन मे दैहिक, दैविक और भौतिक ताप होता है। हुनर युक्त लोग ही इस त्रिताप को दूर करके समाज की भलाई में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल मानते थे कि मनुष्य भौतिक प्राणी से परे है। उसे पेट के लिए आहार, हृदय के लिए प्यार और मस्तिष्क के लिए विचार चाहिए। क्योंकि मनुष्य अपने होने की स्वीकृति चाहता है। उनका मानना था कि शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा की पूर्णता सम्मान, प्रेम, विचार और परमात्मा से होगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि पण्डित दीनयाल उपाध्याय के अंत्योदय एवं एकात्म मानववाद को अपने जीवन में उतारें। पंडित दीनदयाल ने हमेशा कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की भी बात कही। वर्तमान सरकार उसी का अनुसरण कर रही है और स्वावलम्बन के लिए कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल अत्यंत सादगी पसंद थे। उनके आदर्शो पर हम चलें, यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इसके पूर्व सहायक आचार्य निकेत सिंह ने स्वागत गीत तथा कार्यक्रम संयोजक डॉ संजय कुमार सिंह, निदेशक पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ ने विषय प्रवर्तन एवं वाचिक स्वागत किया। संचालन डॉ. दिनेश कुमार सिंह, आयोजन सचिव एवं उप निदेशक पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कर्नल विनय कुमार कुलसचिव ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोध छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/बृजनंदन

   

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