पीएम विश्वकर्मा योजना पर सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

खूंटी, 17 फ़रवरी (हि.स.)। भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय के एमएसएमई-विकास कार्यालय कन्या मध्य विद्यालय, खूंटी के सभागार में शनिवार को पीएम विश्वकर्मा योजना पर सेमिनार सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को योजना से मिलने वाले लाभ, पात्रता एवं आवेदन की प्रकिया इत्यादि के बारे में जानकारी देना एवं जागरुक बनाना है। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अनिकेत सचान, अनुमंडल पदाधिकारी, खूंटी एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि ने कहा कि भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 17 सितम्बर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा डिजिटली शुभारंभ किया गया था।

इस योजना को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता एवं उन्नत उपकरण प्रदान करते हुए उनके व्यवसाय में बढ़ोतरी कराना है, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाने कें लिए सभी को मिलकर एक साथ प्रयास करने की आवश्यकता है।

उन्होंने 18 पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों से इस योजना का लाभ लेने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराने का आह्वान किया। इंद्रजीत यादव, आईईडीएस, संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख, एमएसएमई-विकास कार्यालय, रांची ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूपदृरेखा से अवगत कराते हुए बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक विद्याओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित हैं। कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डलिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले इसका लाभ ले सकते हैं।

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को पांच से सात दिन का प्रशिक्षण और पांच सौ रुपये प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड देय होगा तथा प्रशिक्षण उपरान्त टूल किट के लिए 15 हजार रूपए ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। प्रथम चरण में एक लाख रुपये द्वितीय चरण में दो लाख रूपए तक का कोलेटरल फ्री ऋण (पांच प्रतिशत ब्याज की दर से) की व्यवस्था की गई है।

प्रशिक्षण प्राप्त करने पर पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इस दौरान सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर), झारखंड के सहायक प्रबंधक सत्येंद्र कुमार ने इस योजना में रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया, पात्रता एवं मिलने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान राजीव रंजन, महाप्रबंधक,जिला उद्योग केंद्र, खूंटी, बबन कुमार सिंह, श्रम अधीक्षक, सनत कुमार दूबे, एलडीएम, खूंटी अतीन टोपनो, डीईसी, जिला उद्योग केंद्र, खूंटी ने भी विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम में सीएससी की ओर से एक “ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन” शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें कई पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों का इस योजना के तहत पंजीकरण किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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