चार दिवसीय 'काशी शब्दोत्सव' 2024 राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन बीएचयू में, जुटेंगे विद्वान एवं शोधकर्ता

-विद्वान अपने मौलिक चिंतन एवं मंथन से देश के विकास को देंगे नई राह

वाराणसी, 17 फरवरी (हि.स.)। चार दिवसीय 'काशी शब्दोत्सव' 2024 राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन 18 फरवरी रविवार को बीएचयू के वैदिक विज्ञान केन्द्र सभागार में तीन सत्रों में होगा। जिसमें अलग-अलग सत्रों में साहित्य, धर्म, विज्ञान तथा अन्य विविध विषयों के विद्वान एवं शोधकर्ता शामिल होंगे। तीनों सत्रों में शामिल विद्वान अपने मौलिक चिंतन एवं मंथन से देश के विकास को एक नई राह देंगे। शनिवार को यह जानकारी संगोष्ठी के समन्वयक प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने दी।

प्रो. चौबे ने बताया कि इस बौद्धिक संगम से काशी में नई भारतीय चिंतन धारा को भी एक दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का एक बड़ा केंद्र काशी है। इसलिए ऐसे कार्यक्रमों से देश और दुनिया को एक नई दिशा मिलेगी।

आयोजन सचिव प्रोफेसर अभय सिंह ने बताया कि उद्घाटन सत्र प्रातः 11 बजे होगा। इस प्रथम सत्र की अध्यक्षता वैदिक विज्ञान केंद्र के निदेशक प्रो. उपेंद्र त्रिपाठी करेंगे। मुख्य अतिथि प्रो. वसंत शिंदे पूर्व कुलपति होंगे। सत्र का विषय- 'युवा भारत: विज्ञान और विकास' है। इस सत्र के अन्य वक्ता काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण हैं। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रो. हृदय रंजन शर्मा करेंगे। इस सत्र के मुख्य अतिथि रश्मि सावंत होंगी। वक्ता में मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के समन्यवक प्रो. सदाशिव द्विवेदी, अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. अनिता सिंह एवं राजघाट स्थित वसंत महिला महाविद्यालय की प्रोफेसर मीनू अवस्थी होंगी।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

   

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