जून तक अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप हो जायेगा कुशीनगर एयरपोर्ट

नरेंद्र रे प्रभारी एयरपोर्ट निदेशक

कुशीनगर,14 जनवरी (हि.स.) कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए शनिवार का दिन शुभ रहा। उन्नत तकनीकी से लैस एयरपोर्ट अथॉरिटी के कैलीब्रेट विमान बी –360 ने एयरपोर्ट पर लगाए गए डीबीओआर (डापलर वेरी ओमनी रेंज) को परीक्षण पश्चात हरी झंडी दे दी। डीबीओआर के परीक्षण के लिए कैलीब्रेट विमान दो दिन से एयरपोर्ट पर कैंप कर रहा था। इस दौरान विमान ने एक दर्जन बार उड़ान भरी। डीबीओआर के माध्यम से एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और विमान के पायलट से उड़ान भरने से लेकर रन वे पर लैंडिंग तक संवाद बना रहता है। दूसरी तरफ एयरपोर्ट पर आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) लगाने के लिए सिविल वर्क भी शुरू हो गया। रूस से आ रही आईएलएस की मशीनरी सोमवार तक आने की बात कही जा रही है।

आईएलएस लग जाने के बाद विमान किसी भी मौसम या प्रतिकूल मौसम और रात्रि में लैंड और टेक आफ कर सकेंगे।

एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया ने जून 2024 तक कुशीनगर एयरपोर्ट की ग्राउंड सिग्नलिंग प्रणाली को अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप विकसित करने का लक्ष्य रखा है। दोनो सिस्टम के आपरेशनल हो जाने के बाद निर्बाध घरेलू एवम् विदेशी उड़ान सेवा शुरू होने में कोई तकनीकी बाधा नहीं रह जायेगी। गत वर्ष मार्च में अथॉरिटी ने एयरपोर्ट पर आईएलएस व डीबीओआर की स्थापना के लिए 5.75 करोड़ की निविदा जारी की थी।

इन दोनों सिस्टम के आपरेशनल हो जाने के बाद बाद देश विदेश के विमान निर्बाध रूप से किसी भी समय किसी भी अनुकूल प्रतिकूल मौसम कोहरा, बारिश आदि में लैंड व टेक आफ कर सकेंगे।

साथ ही एयरपोर्ट की ग्रेडिंग अपग्रेड होने से घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय उड़ान सेवा शुरू करने के लिए देशी विदेशी विमानन कम्पनियां आकर्षित होंगी। नरेंद्र रे प्रभारी एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि कैलीब्रेट विमान ने डीबीओआर की सिग्नलिंग को ओके कर दिया है। टीम अपनी रिपोर्ट डीजीसीए को देगी। डीजीसीए सिस्टम को प्रयोग करने की अनुमति प्रदान करेगा। जिसके बाद सिस्टम प्रयोग में आ जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल/बृजनंदन

   

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