कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, बोले-चीड़ कटान की दी जाए अनुमति

देहरादून, 19 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य सरकार से चीड़ की प्रजाति को प्रतिबन्धित वृक्षों की श्रेणी से हटाने और वृक्ष कटान की अनुमति देने मांग की है।

कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे पत्र में कहा है कि उत्तराखंड की राज्य सरकार द्वारा वृक्षों की 15 प्रतिबन्धित प्रजातियों को छोड़कर अन्य प्रजाति के वृक्षों को निजी भूमि से काटने की अनुमति देना प्रस्तावित है।

माहरा ने कहा कि राज्य का लगभग 95 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित क्षेत्र है। इस वनाच्छादित क्षेत्र में जहां लगभग 40 प्रतिशत क्षेत्र में चीड़ के वृक्षों की बहुलता है, वहीं पर्वतीय क्षेत्र में परम्परागत पेयजल के स्रोतों की विलुप्ति और वनाग्नि का प्रमुख कारण भी यही चीड़ के वन हैं, जिसके चलते पर्वतीय क्षेत्र की स्थानीय जनता द्वारा चीड़ के वृक्षों के उन्मूलन की बार-बार मांग की जाती है। पर्यावरण विभाग की ओर से निजी भूमि पर उगे चीड़ के वृक्षों को भी प्रतिबन्धित प्रजाति में शामिल किया गया है। चीड़ के वृक्षों की अधिकता के कारण जहां पर्वतीय क्षेत्र के पेयजल स्रोत विलुप्त हुए हैं वहीं प्रत्येक वर्ष वनों में धधकने वाली आग से प्राकृतिक सम्पदा और खेती को भी नुकसान होता है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में चीड़ की प्रजाति की अधिकता और इससे होने वाले कुप्रभावों को देखते हुए चीड़ की प्रजाति को निजी भूमि से वृक्ष काटने की अनुमति वाली प्रजाति में शामिल किया जाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज

   

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