संदेशखाली मामले में बंगाल के शीर्ष अधिकारियों के नोटिस पर विराम का तृणमूल ने किया स्वागत

कोलकाता, 19 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने संदेशखाली हिंसा मामले में पश्चिम बंगाल के शीर्ष अधिकारियों को तलब किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक का स्वागत किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुकांत मजूमदार की शिकायत के जवाब में लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेश (डीजीपी) और अन्य लोगों को जारी किए गए नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। तृणमूल ने लोकसभा सचिवालय पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने के साथ आरोप लगाया कि यह भाजपा के तहत काम कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लोकसभा सचिवालय की विशेषाधिकार समिति द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका, डीजीपी राजीव कुमार और अन्य को जारी किए गए नोटिस पर रोक लगा दी। नोटिस भाजपा सांसद और राज्य में पार्टी के अध्यक्ष द्वारा दायर कदाचार की शिकायत के बाद जारी किए गए थे।

तृणमूल के प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के महत्वपूर्ण प्रयासों के बावजूद वे न्यायपालिका को प्रभावित नहीं कर सकते। यह सुकांत मजूमदार और भाजपा समर्थक थे जिन्होंने धारा 144 का उल्लंघन करने का प्रयास किया था। भाजपा की एक महिला समर्थक ने मजूमदार को धक्का दिया था जिससे वह कार के बोनेट पर गिर गए।

तृणमूल नेता ने पूछा कि जब दिल्ली पुलिस ने पिछले अक्टूबर में नयी दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया था तो इस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की गई थी। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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