मंडप परिक्रमा करने के लिए महायज्ञ में पहुंच रहे श्रद्धालु

घगवाल।  उपजिला घगवाल के गांव पलोना, मधेरा गांव में स्थित प्ले ग्राउंड में आयोजित नौ दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ में मंडप परिक्रमा करने के लिए रोजाना हजारों श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। धार्मिक आस्था के अनुरूप छोटे-छोटे बच्चे और महिला-पुरुष सुबह से ही परिक्रमा के लिए यज्ञ स्थल पर जुटने लग जाते हैं। क्षेत्र में महायज्ञ होने से इस तरह का धार्मिक वातावरण बना हुआ है कि नौकरी, रोजगार, खेती, मजदूरी या निर्धारित कार्य के लिए अन्यत्र जाने वाले भी पहले यज्ञ मंडप में प्रणाम और परिक्रमा करते हुए अपना अपना काम में निकलते हैं। लगभग सभी समुदाय के दिल दिमाग में धर्म और सदाचरण का संचार होने से महायज्ञ के गतिविधियों में शामिल होने लगे हैं। महायज्ञ के छठे दिन दिन भी यज्ञ दर्शन के लिए पलोना, मंधेरा गांव के अलावा आसपास गांवों से काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सुबह से देर शाम तक जारी हवन में भाग लेने तथा हवन का धुंआ ग्रहण करने के लिए मंडप परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा लगी रहती है। लाउडस्पीकर के माध्यम से अहर्निश धार्मिक गीत और महायज्ञ के मंत्रध्वनि गूंजने तथा रात में भजन कीर्तन का आयोजन होने से संपूर्ण क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। यज्ञाचार्य खेमराज शास्त्री जी महाराज ने कहा है कि महायज्ञ का आयोजन होने से सर्व देवी देवता एवं सारे तीर्थ विराजमान होते हैं। भगवान विष्णु के लिए कम से कम चार वार तथा अत्यधिक अपनी क्षमता के अनुसार 21, 51 या 108 वार तक परिक्रमा करना लाभकारी सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि वैदिक काल से ही देवी देवता का परिक्रमा करने का सिद्धांत शुरू हुआ है। भगवान गणेश ने भी परिक्रमा किया है तथा सभी महायज्ञ में परिक्रमा करने का विधान रहा है। यही कारण है कि महायज्ञ संचालित मंडप सिर्फ एक बार परिक्रमा करने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है।

 

   

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